Second phase of BS-6: अगर आप भी आने वाले साल भर में एक नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. गाड़ियों के दाम पर मोटी रकम बढ़ने जा रही है. ऐसा अगले साल से लागू होने वाले एक नए नियम के चलते होगा. दरअसल, अगले साल अप्रैल से BS6 Emission Norms (बीएस6 उत्सर्जन मानक) का सेकेंड फेज लागू होने जा रहा है. इसके लिए वाहन विनिर्माता कंपनियों को अपने वाहनों में कुछ बदलाव करने होंगे, जिसका सीधा असर उनकी कीमत पर पड़ेगा. भारतीय वाहन उद्योग फिलहाल अपने वाहनों को भारत चरण-6 (BS-6) उत्सर्जन मानक के दूसरे चरण के अनुकूल ढालने की कोशिश में लगा हुआ है. ऐसा होने पर उत्सर्जन मानक यूरो-6 मानकों के समान हो जाएंगे.


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करना होगा गाड़ी में बदलाव
दरअसल, चार-पहिया पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों को दूसरे चरण के अनुरूप बनाने के लिए उनमें रिफाइंड डिवाइस लगाने होंगे. ऐसी स्थिति में वाहन उद्योग के जानकारों का मानना है कि कंपनी की प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ सकती है, जिसका बोझ अगले वित्त वर्ष से खरीदारों को ही उठाना पड़ेगा. एडवांस एमिशन नॉर्म्स पर खरा उतरने के लिए वाहनों में ऐसा डिवाइस लगाना होगा जो चलती गाड़ी के एमिशन लेवल पर नजर रख सके. इसके लिए यह डिवाइस कैटेलिक कन्वर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे कई अहम हिस्सों पर नजर रखेगा. 


वाहन उत्सर्जन का स्तर एक तय मानक से अधिक होते ही यह उपकरण वॉर्निंग लाइट देकर यह बता देगा कि वाहन की ठीक से सर्विस कराने का वक्त आ गया है. इसके अलावा वाहन में खर्च होने वाले फ्यूल के लेवल पर काबू रखने के लिए इनमें एक प्रोग्राम्ड फ्यूल इंजेक्टर भी लगाया जाएगा. यह डिवाइस पेट्रोल इंजन में भेजे जाने वाले ईंधन की मात्रा और उसके समय पर भी नजर रखेगा.


वाहन विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर चिप को भी इंजन के तापमान, ज्वलन के लिए भेजी जाने वाली हवा के दबाव और उत्सर्जन में निकलने वाले कणों पर नजर रखने के लिए उन्नत करना पड़ेगा. इक्रा रेटिंग्स के उपाध्यक्ष रोहन कंवर गुप्ता ने कहा, ‘‘नए मानकों के लागू होने से वाहनों की कुल कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है." उन्होंने कहा कि  निवेश का बड़ा हिस्सा वाहन में उत्सर्जन पहचान उपकरण लगाने के साथ सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन में लगेगा. 


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