Bihar Vehicle Owners: बिहार के 95.49 प्रतिशत लोगों के पास कोई वाहन नहीं है जबकि केवल 3.8 प्रतिशत के पास दोपहिया वाहन हैं और 0.11 प्रतिशत के पास कार हैं. बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण (Caste Based Survey) की विस्तृत रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को पेश की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के 13.07 करोड़ लोगों में से 12.48 करोड़ लोगों के पास कोई वाहन नहीं है. 


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बिहार में कितने लोगों के पास कार?


इसके मुताबिक, केवल 49.68 लाख लोगों या लगभग 3.8 प्रतिशत आबादी के पास दोपहिया वाहन हैं जबकि सिर्फ 5.72 लाख लोगों या 0.11 प्रतिशत आबादी के पास चारपहिया वाहन हैं. रिर्पोट के अनुसार, केवल 1.67 लाख लोगों या 0.13 प्रतिशत के पास ट्रैक्टर हैं. बिहार जाति सर्वेक्षण रिर्पोट के मुताबिक सामान्य वर्ग के 2.01 करोड़ लोगों में से कुल 11.99 लाख के पास दोपहिया वाहन हैं.


देश में कितने परिवारों के पास कार?


मई 2022 में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS)-5 सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, देश में केवल 8 प्रतिशत भारतीय परिवारों या 12 घरों में से एक के पास कार हैं. अधिकांश भारतीयों के पास अभी भी दोपहिया वाहन हैं. लगभग 55 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास साइकिल है जबकि स्कूटर और मोटरसाइकिल वाले लोग 54 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं. 


बिहार में सबसे कम कारें


बिहार, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कार रखने वाले परिवार कम हैं. NFHS-5 सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया था कि बिहार में केवल 2 प्रतिशत परिवारों के पास कार है जबकि आंध्र प्रदेश में यह संख्या 2.7 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 2.8 प्रतिशत है. यहां ध्यान देना चाहिए कि NFHS-5 के निष्कर्ष 6,64,972 परिवारों या घरों पर आधारित थे. यह केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किया गया था.


गोवा में सबसे ज्यादा कारें


NFHS-5 सर्वेक्षण से पता चला कि गोवा और केरल में कार रखने वाले परिवारों का प्रतिशत सबसे अधिक है. गोवा में लगभग दो में से एक घर (46 प्रतिशत) के पास कार है जबकि केरल में यह संख्या चार में से एक (26 प्रतिशत) है. जहां जम्मू-कश्मीर में हर चार में से एक परिवार (24 प्रतिशत) के पास कार है, वहीं हिमाचल प्रदेश में 23.5 प्रतिशत परिवार कार के मालिक हैं.


पंजाब में लगभग 23 प्रतिशत परिवारों के पास कार है. नागालैंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और दिल्ली उन राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में से हैं, जहां पांच घरों में से कम से कम एक (20 प्रतिशत से अधिक) के पास कार है.


(इनपुट- भाषा)