Alloy Wheels Disadvantages In Bikes: मोटरसाइकिलों में दो तरह के व्हील्स- स्पोक व्हील्स और अलॉय व्हील्स देखने को मिलते हैं. पहले ज्यादातर मोटरसाइकिलों में स्पोक व्हील्स मिलते थे लेकिन अब ज्यादातर बाइक्स में अलॉय व्हील्स का ऑप्शन भी मिलने लगा है. कंपनियां अलॉय व्हील्स के साथ बाइक का अलग वेरिएंट भी पेश कर देती है, जिससे ग्राहकों को स्पोक व्हील्स और अलॉय व्हील्स, दोनों का ऑप्शन मिल जाता है.


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हालांकि, स्पोक व्हील्स वाले वेरिएंट के मुकाबले अलॉय व्हील्स वाले वेरिएंट की कीमत ज्यादा होती है. ऐसे में कई बार लोग स्पोक व्हील्स वाला वेरिएंट चुन लेते हैं और बाद में स्पोक व्हील्स की जगह ऑफ्टरमार्केट अलॉय व्हील्स लगवा लेते हैं. लेकिन, ऐसा करने के कई नुकसान हैं, जो बहुत से लोगों को नहीं पता. चलिए इनके बारे में बताते हैं.


बाइक में ऑफ्टरमार्केट अलॉय व्हील के मुकसान
1. अलॉय व्हील फ्लेक्सिबल नहीं होते हैं और टकराने की स्थिति में लगने वाले फोर्स को अब्जॉर्ब नहीं कर पाते हैं, जिस कारण किसी चीज से टकराने की स्थिति में इनके टूटने का खतरा स्पोक व्हील्स के मुकाबले ज्यादा होता है.


2. अलॉय व्हील महंगी होते हैं. स्पोक व्हील्स की तुलना में इनकी कीमत ज्यादा होती है. इसके अलावा, कई बार ऐसी भी स्थिति बनती है कि टूटने के बाद यह सही नहीं हो पाते हैं. वहीं, स्पोक व्हील्स आसानी से सही कराए जा सकते हैं.


3. ऑफ्टरमार्केट अलॉय व्हील्स पर आम तौर पर वारंटी भी नहीं मिलती है. ऐसे में अगर अलॉय व्हील टूटे तो आपको नए अलॉय व्हील खुद ही खरीदने होंगे, वह वारंटी में कवर नहीं होंगे.


4. आमतौर पर स्पोक व्हील्स की तुलना में अलॉय व्हील हल्के होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हाई स्पीड पर या तेज हवा की स्थिति में बाइक की स्टेबिलिटी कम हो सकती है. 


5. क्रॉसवाइंड की स्थिति में हल्के व्हील्स ज्यादा स्टेबिलिटी नहीं दे पाते हैं, जिससे बाइक अस्थिर हो सकती है और इसे कंट्रोल करना कठिन हो सकता है. यही परेशानी अलॉय व्हील के साथ रहती है.


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