Myths About Rolls-Royce Cars: दुनिया की सबसे महंगी कारें रोल्स रॉयस बनाती है. यह अपनी लग्जरी कारों के लिए फेमस है. इसकी कारों की बहुत लोकप्रियता है लेकिन इससे जुड़े कई मिथक फैले हुए हैं. चलिए, कुछ मिथकों के बारे में बताते है. शुरुआत ऐसे मिथक से करते हैं, जो बहुत ज्यादा प्रचलित है. कुछ लोग कहते हैं कि अपनी कार ग्राहक को बेचने से पहले रोल्स रॉयस उसकी हिस्ट्री और बैकग्राउंड चेक करती है, उसकी कारों को हर कोई नहीं खरीद सकता है. यह झूठ है, ऐसा नहीं होता है. जिसके पास कार खरीदने के पैसे हों, वह खरीद सकता है.


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कुछ लोग कहते हैं कि रोल्स रॉयस की कार इतनी रिलाएबल होती हैं कि वह कभी ब्रेकडाउन नहीं होती हैं. लेकिन, यह ऐसा है? यह बात थोड़ी सही है और थोड़ी गलत. रोल्स रॉयस की कारें रिलाएबल तो होती हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि कभी ब्रेकडाउन नहीं होती हैं. यह भी ब्रेकडाउन हो सकती हैं. कई बार इन्हें ब्रेकडाउन होते हुए देखा भी गया है.


रोल्स रॉयस कारों से जुड़े मिथक


कुछ लोगों का यह भी कहना रहता है कि रोल्स रॉयस कारों का केबिन इतना साइलेंट बनाया जाता है कि अंदर सिर्फ उसके डैशबोर्ड पर लगी घड़ी की टिक-टॉक वाली आवाज सुनाई देती है. लेकिन, यह दावा भी गलत है. इनका केबिन पूरे तरीके से साइलेंट नहीं होता है. इसे पूरे तरीके से साइलेंट बनाया ही नहीं जाता क्योंकि ऐसा होने पर पैसेंजर्स अनकंफर्टेबल हो जाएंगे. उन्हें नौजिया (Nausea) फील होगा.


इसके बारे में एक मिथक यह भी है कि रोल्स रॉयस कारों में दी जाने वाली एसी (Air Conditioning) की कूलिंग कैपेसिटी घर में इस्तेमाल की जाने वाली 30 फ्रिज की कूलिंग कैपेसिटी के बराबर होती है. हालांकि, ऐसा भी नहीं होता है. आधुनिक 30 रेफ्रिजरेटर की पावर से रोल्स रॉयस कारों की एसी की तुलना नहीं कर सकते क्योंकि इनकी संयुक्त कूलिंग कैपेसिटी काफी ज्यादा होगी.