Car Engine Overheat: इन दिनों कारों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। हाल ही में, जयपुर में Mahindra XUV 700 में एक आग लगने की घटना सामने आई. हालांकि अच्छी बात रही कि यात्री सुरक्षित बच गए. इसके अलावा टाटा और मर्सिडीज की कुछ कारों में भी आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. वाहनों में आग लगने की कई वजह हो सकती हैं जिसमें फ्यूल लीक, शॉर्ट सर्किट, या बैटरी शामिल हो सकती हैं. इसके अलावा इंजन ओवरहीट भी एक आम समस्या है और इसे समय पर ठीक नहीं किया तो गाड़ी में आग लगने का खतरा हो सकता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपकी कार का इंजन ओवरहीट होता है तो आपको क्या करना चाहिए. 


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क्यों होता है इंजन ओवरहीट
इंजन ओवरहीट होने के लिए कई वजह हो सकती है जिनमें से सबसे सामान्य वजह कूलिंग सिस्टम होता. जब कार चलती है तो इंजन लगातार गर्म होता रहता है जिसे ठंडा करने के लिए एक कूलिंग सिस्टम दिया जाता है. अगर इस कूलिंग सिस्टम में कोई परेशानी आती है तो इंजन ओवरहीट करने लगेगा. इसके अलावा कूलिंग सिस्टम में रिसाव से भी परेशानी होती है. 


इंजन ओवरहीट का अलर्ट: 
पहला संकेत: यदि टेम्परेचर गेज या इंजन के तापमान मीटर में बहुत उच्च तापमान दिखाई देता है
दूसरा संकेत: कार के बोनट से धुंआ या भाप निकलने लगती है. 
तीसरा संकेत: कार के इंजन में असामान्य आवाज़ सुनाई देती है.
चौथा संकेत: कार के बोनट से अजीब या जलने की गंध आना. 


कार ओवरहीट होने पर क्या करें:


स्टेप 1. यदि आपकी कार का इंजन ओवरहीट हो रहा हो तो सबसे पहले हीटर को चालू करें. यह इंजन के कूलिंग सिस्टम पर दबाव कम करके इंजन की गर्मी को बाहर निकालता है. यह अजीब लग सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह आपकी मदद कर सकता है. स्पीडोमीटर पर ओवरहीटिंग सिग्नल देखने के बाद, हीटर को चालू करने से टेम्परेचर लाइट बंद हो जाएगी, जिससे आपको पता चलेगा कि यह उपाय सफल है.


स्टेप 2. यदि हीटर ऑन करने के बावजूद आपकी कार का इंजन ओवरहीट हो रहा हो, तो तुरंत इंजन को बंद करें. यह सबसे आसान तरीका है. इंजन को बंद करने से पहले, अपनी कार को इमरजेंसी लेन में पार्क करें और खुद बाहर निकल जाएं. आजकल कई वाहन निर्माता कंपनियां रोड साइड असिस्टेंस सुविधा प्रदान करती हैं. इससे आपको सहायता मिलेगी.


स्टेप 3: बेहतर होगा कि आप कार के बाहर रहें और इंतजार करें. आमतौर पर, इंजन को ठंडा होने में 15 से 20 मिनट का समय लगता है। इस अवधि में कार के बोनट को न खोलें, क्योंकि कूलेंट का तापमान 230 डिग्री तक पहुंच सकता है. 


स्टेप 4: जब आपको लगे कि कार थोड़ी ठंडी हो गई है, तब बड़ी सावधानी के साथ हाथ में ग्लव या कपड़े की सहायता से बोनट खोलें. अब कूलिंग सिस्टम में सावधानी के साथ कूलेंट को डालें. अगर आपके पास कूलेंट नहीं है तो पानी भी डाल सकते हैं. 


स्टेप 5: अब कार का इग्निशन ऑन करके देखें कि तापमान कम हुआ है या नहीं. अगर कम हो गया तो इसे तुरंत करीबी सर्विस सेंटर पर ले जाएं.