How To Get A PUC: पीयूसी सर्टिफिकेट (Pollution Certificate) इस बात की पुष्टि करता है कि वाहन से होने वाला उत्सर्जन, सरकार द्वारा निर्धारित प्रदूषण मानदंडों को पूरा करता है. इससे कार्बन उत्सर्जन के प्रतिशत का मूल्यांकन किया जाता है कि आपकी कार, बाइक या स्कूटर का पर्यावरण में क्या योगदान है. सर्टिफिकेट से पता चलता है कि उत्सर्जन प्रदूषण मानदंडों के अनुसार है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए वाहन को परीक्षण से गुजरना पड़ता है, जिसमें वाहन के उत्सर्जन स्तर का मूल्यांकन किया जाता है.


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मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार, कार चालक के पास वाहन चलाते समय मोटर बीमा पॉलिसी, पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी), वैध ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और पीयूसी प्रमाणपत्र होना चाहिए. अगर आपके पास कार का PUC सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपको 10,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है. नई कार के मामले में कार प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र 1 साल के लिए वैध होता है. उसके बाद, आपको नियमित अंतराल पर अपनी कार को पीयूसी परीक्षण के लिए ले जाना होता है और प्रत्येक परीक्षण के बाद नया प्रमाणपत्र जारी किया जाता है. 


आम तौर पर, पीयूसी प्रमाणपत्र की वैधता 6 महीने के लिए होती है. हालांकि, दिल्ली जैसी जगहों पर PUC सर्टिफिकेट 3 महीने की अवधि के लिए जारी किया जाता है. बता दें कि PUC सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिए भी जरूरी होता है. इसके अलावा, सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों के अनुसार भी PUC सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है. इसीलिए, जिन भी कार, बाइक या स्कूटर मालिकों के पास वाहन का पीयूसी नहीं है, वह आज ही इसे बनवा लें. इसमें 60 रुपये से 100 रुपये तक का खर्चा आ सकता है.


कैसे बनवाएं PUC सर्टिफिकेट?


-- अपने वाहन को पास के उत्सर्जन परीक्षण केंद्र पर ले जाएं.
-- ऑपरेटर एग्जॉस्ट पाइप से आपकी कार के उत्सर्जन स्तर की जांच करेगा.
-- इसके लिए 60 रुपये से 100 रुपये तक के शुल्क का भुगतान करना होगा.
-- फिर, ऑपरेटर आपको पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करेगा.


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