Earth To Moon: हाल ही में भारत ने चंद्रयान-3 को चांद के साउथ पोल पर भेजा है, जिसकी सफल लैंडिंग से दुनिया भर में भारतीय साइंटिस्टों का लोहा माना जा रहा है. पूरी दुनिया भारत की इस सफलता के लिए बधाई दे रही है. स्पेस साइंस की दुनिया में यह बड़ा क़दम है क्योंकि भारत पहला देश बना है, जिसने चांद के साउथ पोल पर सॉफ़्ट लैंडिंग की है. भारत से पहले कोई भी देश चांद के इस हिस्से तक नहीं पहुंच पाया है. ऐसे में भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने वो कर दिया जो कोई और नहीं कर पाया. इसरो यहीं नहीं रुका और चंद्रयान-3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद सूरज की स्टडी करने के लिए आदित्य एल-1 को लॉन्च कर  दिया.


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स्पेस और चांद आदि की चर्चाएं तेज


इन घटनाओं से लोगों के बीच स्पेस और चांद आदि को लेकर ज्यादा चर्चाएं होने लगी हैं. तो क्या ऐसे में कभी आपके मन में यह ख्याल आया कि अगर चांद तक सड़क बनायी जाएं तो कार से वहां पहुंचने में कितना समय लगेगा? यह सवाल थोड़ा अटपटा है लेकिन सवाल तो है. इस बारे में किसी के भी मन में उत्सुकता हो सकती है. लेकिन, पहली सच्चाई तो यही है कि मौजूदा साइंस अभी उस स्तर पर नहीं पहुंची हैं, जो धरती से चांद तक सड़क बना सके या ऐसी कार बना सके, जो धरती से चांद तक चलकर जा पाए. 



मोशन में हैं चांद और धरती


दरअसल, ना तो चांद स्थिर है और ना ही धरती स्थिर है. यह दोनों ही मोशन में हैं. चांद लगातार धरती की परिक्रमा करता रहता है और घरती लगातार सूरज की परिक्रमा करती रहती है. इसके साथ ही धरती अपनी धुरी पर भी घूमती रहती है. यानी, एक साथ कई मूवमेंट हो रहे होते हैं. ऐसे में फिलहाल सड़क बनाना किसी भी प्रकार से संभव नजर नहीं आता है. 


चांद तक कार से जाने में कितना समय लगेगा?


खैर, अगर सभी तर्कों को किनारे कर दें और यह मान लें कि चांद तक सड़क बन सकती है. साथ ही मान लें कि धरती से चांद तक कार से पहुंचना संभव है. इन दोनों काल्पनिक बातों को मान लें तो सोचिए कि कार से चांद पर पहुंचने में कितना समय लगेगा. दरअसल, धरती से चांद की दूरी लगभग 384,400 किलोमीटर है. ऐसे में अगर कार से 384,400 चलना पड़े और एवरेज स्पीड 100KM मान लें तो चांद पर पहुंचने में करीब 3,844 घंटे लगेंगे. यानी, इसमें लगभग 160 दिन का समय लगेगा.