Jet Plane Fuel : क्या आपने कभी सोचा है कि अगर जेट प्लेन का फ्यूल (एविएशन टर्बाइन फ्यूल या ATF) बाइक में डाल दिया जाए, तो क्या होगा? अगर आप इस बारे में सोचते हैं और इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं, कि आखिर क्या होगा जब जेट प्लेन का फ्यूल बाइक में डाल दिया जाए. 


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फ्यूल का अंतर समझें


जेट फ्यूल (ATF): जेट प्लेन में इस्तेमाल होने वाला ATF केरोसिन आधारित फ्यूल है, जिसका फ्लैश प्वाइंट (जलने की न्यूनतम तापमान सीमा) पेट्रोल से काफी ज्यादा होता है. यह खासतौर पर टर्बाइन इंजन के लिए डिजाइन किया गया है.


पेट्रोल: यह हल्का होता है साथ ही साथ ज्यादा वाष्पशील (volatile) फ्यूल होता है, जिसे इंटरनल कम्बश्चन इंजन के लिए तैयार किया गया है.


कुल मिलाकर बाइक का इंजन पेट्रोल पर आधारित नहीं होता है और इसे जेट फ्यूल जलाने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है.


जेट प्लेन के फ्यूल को बाइक में डालने पर क्या होगा 


जेट प्लेन के फ्यूल को अगर बाइक में डाल दिया जाए, तो इसके काफी खतरनाक नतीजे हो सकते हैं. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.


1. कम्पैटेबिलिटी:


जेट फ्यूल केरोसिन जैसा होता है, जिसे जेट इंजन के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह पेट्रोल या डीज़ल के मुकाबले अलग तरह का हाइड्रोकार्बन होता है. बाइक के इंजन को खासतौर से पेट्रोल (Gasoline) पर चलने के लिए बनाया गया है. पेट्रोल जल्दी जलने वाला फ्यूल है और इसके जलने की प्रक्रिया (Combustion) जेट फ्यूल से अलग होती है. अगर आप जेट फ्यूल बाइक में डालते हैं, तो बाइक का इंजन इसे सही ढंग से जला नहीं पाएगा.


2. इंजन का प्रदर्शन (Performance):


स्टार्ट न होना: ज्यादातर बाइक्स जेट फ्यूल से स्टार्ट ही नहीं होंगी क्योंकि यह पेट्रोल की तरह वाष्पशील (Volatile) नहीं है.


इंजन को नुकसान: यदि इंजन किसी तरह जेट फ्यूल को जलाने की कोशिश करता है, तो यह बहुत ज़्यादा गर्म हो सकता है और इंजन के अंदर के पुर्ज़े जैसे कि पिस्टन और सिलेंडर डैमेज हो सकते हैं.


3. खतरे की संभावना (Safety Hazards):


इंजन फेलियर: जेट फ्यूल के जलने का तापमान ज्यादा होता है. इससे इंजन ओवरहीट हो सकता है और आग लगने की संभावना बढ़ सकती है.


ब्लास्ट  (Explosion): अगर फ्यूल लाइन या टैंक पर दबाव ज़्यादा बढ़ गया, तो बाइक के टैंक में ब्लास्ट हो सकता है.


4. लॉन्ग टर्म प्रभाव:


बाइक का इंजन और फ्यूल सिस्टम स्थायी रूप से डैमेज हो सकता है.
इसमें बड़ी रिपेयरिंग लागत लग सकती है या पूरी बाइक खराब हो सकती है.