Jet Plane Fuel: अगर आप अब तक ये समझते आए हैं कि जेट प्लेन में आम गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाला पेट्रोल डाला जाता है तो आप गलत हैं. दरअसल जेट इंजन आम गाड़ियों के इंजन से अलग और कहीं ज्यादा पावरफुल होता है. ऐसे में इसके लिए एक विशेष प्रकार का फ्यूल इस्तेमाल किया जाता है, जिसे एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) या जेट फ्यूल कहते हैं. यह फ्यूल गाड़ियों के पेट्रोल से अलग होता है और इसे विशेष रूप से जेट इंजनों के लिए डिजाइन किया गया है ताकि यह अत्यधिक ऊंचाई और ठंडे तापमान पर भी स्थिरता से काम कर सके.


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भारत में ATF की कीमत पेट्रोल से अधिक होती है और यह लगभग 100-120 रुपये प्रति लीटर होती है. हालांकि, यह कीमतें समय, स्थान, टैक्स पॉलिसी और इंटरनैशनल ऑयल मार्केट के हिसाब से बदल सकती है.


एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) या जेट फ्यूल साधारण पेट्रोल से कई मायनों में अलग होता है, क्योंकि यह विशेष रूप से जेट इंजनों के लिए बनाया गया है. यहां कुछ मुख्य अंतर दिए गए हैं:


स्ट्रक्चर और प्योरिटी:


जेट फ्यूल मुख्य रूप से केरोसिन पर आधारित होता है और इसमें कई विशेष एडिटिव्स मिलाए जाते हैं ताकि यह ऊंचाई पर स्थिरता से जल सके. साधारण पेट्रोल हल्के हाइड्रोकार्बन्स का मिश्रण होता है, जबकि ATF में जटिल हाइड्रोकार्बन्स होते हैं, जिससे इसकी एनर्जी डेंसिटी अधिक होती है.


ज्वलन का तापमान:


ATF का फ्लैश पॉइंट (वह तापमान जिस पर यह जलने लगता है) पेट्रोल से अधिक होता है, जो इसे अत्यधिक ठंडे तापमान और उच्च ऊंचाई पर इस्तेमाल के लिए उपयुक्त बनाता है. पेट्रोल का फ्लैश पॉइंट कम होने के कारण यह जल्दी वाष्पित और ज्वलनशील होता है, जो कि जेट इंजन के लिए सुरक्षित नहीं है.


एनर्जी डेंसिटी:


ATF की एनर्जी डेंसिटी पेट्रोल से अधिक होती है, यानी यह समान मात्रा में अधिक ऊर्जा प्रदान करता है. यही कारण है कि यह लंबी दूरी की उड़ानों में परफेक्ट है. पेट्रोल में एनर्जी डेंसिटी कम होने के कारण यह एयरक्राफ्ट्स के लिए सही नहीं नहीं होता. 


ऊंचाई पर स्टेबिलिटी:


जेट फ्यूल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह कम तापमान पर जमता नहीं है और ऊंचाई पर प्रेशर में भी स्थिर रहता है. पेट्रोल ऊंचाई पर इस्तेमाल  के लिए स्थिर नहीं रहता और ठंडे तापमान पर जम सकता है, जो कि उड़ान के दौरान बेहद खतरनाक हो सकता है.


एडिटिव्स:


ATF में कई प्रकार के एडिटिव्स मिलाए जाते हैं, जैसे कि एंटी-फ्रीज और एंटी-ऑक्सीडेंट्स, ताकि यह फ्यूल टैंक में फ्रीज ना हो और इसकी लाइफ लंबी बनी रहे. साधारण पेट्रोल में इतने एडिटिव्स नहीं होते, क्योंकि इसके लिए इतनी खतरनाक सिचुएशंस नहीं होतीं.