नई दिल्ली : भारत में वाहनों पर टैक्स का स्लैव कई देशों से काफी ज्यादा है. मांग पैदा करने और उद्योग के विकास के लिए इसे नीचे लाने की जरूरत है. मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) केनिची आयुकावा ने बुधवार को यह बात कही. फिलहाल वाहनों पर 28 प्रतिशत का सबसे ऊंचा माल एवं सेवा कर (GST) लगता है. इसके अलावा लंबाई, इंजन के आकार और प्रकार के हिसाब से एक से 15 प्रतिशत का उपकर भी लगता है.


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सरकार से टैक्स घटाने की मांग की
आयुकावा ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में यहां कर की दर कुछ ऊंची है. उद्योग के विकास के लिए हमने सरकार से टैक्स घटाने के लिए कहा है. हालांकि, हम समझते हैं कि यह आसान नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमें सरकार के साथ सहयोग में इसका कुछ समाधान ढूंढने का प्रयास करना होगा. मांग को प्रोत्साहन के लिए सबसे अच्छा तरीका कर घटाना है.' बजट से उम्मीदों के बारे में पूछने पर आयुकावा ने कहा कि आगामी अंतरिम बजट कुछ 'अनिश्चित' सा होगा.


टैक्स को कम करना आसान नहीं होगा
उन्होंने कहा कि आम चुनाव के बाद आने वाला बजट महत्वपूर्ण होगा. हालांकि, हम उद्योग के लिए कर दरों में कटौती के लिए लगातार सरकार के संपर्क में हैं. हम जानते हैं कि ऐसा करना आसान नहीं होगा. वाहनों पर कर की दर घटाने की मांग ऐसे समय हो रही है जबकि घरेलू यात्री वाहन बिक्री में गिरावट आई हैं. दिसंबर, 2018 में भी वाहनों की बिक्री घटी है. इस तरह पिछले छह माह में से पांच में वाहनों की बिक्री में गिरावट आई है.


सियाम के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में देश में यात्री वाहनों की बिक्री 4.37 प्रतिशत बढ़कर 25,33,221 इकाई रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 24,27,046 इकाई रही थी.