Meeting On Battery Swapping Standards: पूरी दुनिया सहित भारत भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के प्रयास में जुटा हुआ है. इसके लिए भारत सरकार तमाम योजनाएं ला रही है. लेकिन, फिलहाल इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए जो जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए, वो तैयार नहीं है. इसीलिए, सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए स्ट्रांग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में जुटी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2022 में बजट पेश करते हुए बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ऐलान किया था. अब बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड को लेकर उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में बैठक आज बैठक होनी है, जिसमें ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS), नीति आयोग, दुपहिया ईवी निर्माता, तिपहिया ईवी निर्माता और बैटरी निर्माता शामिल होंगे.


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बैठक में BIS द्वारा जारी बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड पर चर्चा होगी और इस बात विमर्श किया जाएगा कि बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड को स्वैच्छिक रखना चाहिए या अनिवार्य किया जाए. यानी, बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड्स को फॉलो करना है या नहीं, इसकी आजादी खुद इंडस्ट्री पर छोड़ दी जाए या फिर इंडस्ट्री के लिए बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड्स को अनिवार्य ही किया जाए. बैठक में बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड पर इंडस्ट्री के साथ सर्वसम्मति बनाने की कोशिश की जाएगी. 


माना जा रहा है कि बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड यूनिफॉर्म हैं और इससे बैटरी स्वैपिंग (Battery Swapping) आसान होगी. इससे ग्राहक एक ही कंपनी की बैटरी लेने के लिए बाध्य नहीं होंगे. साथ ही, इससे मोनोपोली नहीं होगी और बढ़ती डिमांड के साथ सबको समान अवसर मिलेगा. अगर बैठक में स्टैंडर्ड पर सहमति बनती है तो इंडस्ट्री को डेढ़ साल का समय दिया जाएगा.


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