Simple One First Ride Review: साल 2015 के आखिर में एक फिल्म आई थी- बाजीराव मस्तानी, जिसमें बाजीराव (उर्फ रणवीर सिंह) का एक डायलॉग था- "चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर संदेह नहीं करते!" लेकिन, यह तो फिल्म थी. रियल लाइफ में दावे काफी बड़े हो तो संदेह हो जाता है. सिंपल एनर्जी ने अपने पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर 'सिंपल वन' को लेकर भी काफी बड़े दावे किए. इन दावों की हकीकत समझने के लिए हमने बेंगलुरु में सिंपल वन इलेक्ट्रिक स्कूटर करीब दो घंटे तक चलाया. हमने स्कूटर के कंफर्ट, राइड क्वालिटी, हैंडलिंग, स्पीड, ब्रेकिंग, मटिरियल क्वालिटी, डिजाइन जैसी तमाम चीजों पर ध्यान दिया. हालांकि, हमने पाया कि कंपनी की ओर से किए गए ज्यादातर दावे सही हैं या फिर हकीकत के काफी करीब हैं. लेकिन, क्या यह स्कूटर आपको लेना चाहिए? इसका जवाब आप यह पूरा आर्टिकल पढ़ेंगे तो खुद समझ जाएंगे.


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कंफर्ट


टेस्ट राइड के दौरान कंफर्ट की कोई कमी महसूस नहीं हुई. राइड करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ पीछे बैठने वाले व्यक्ति के लिए भी बेहतर सीट पोजिशनिंग दी गई है. सीट काफी चौड़ी है और कंफरटेबल है. पूछे वाले व्यक्ति के लिए ग्रैब रेल भी दी गई है. हालांकि, फुट रेस्ट थोड़ा स्लिपरी लगा, उसकी ग्रैबिंग और बेहतर हो सकती थी. राइडर की पोजिशन स्ट्रेट रहने वाली है. राइडर से हैंडलबार की दूरी इतनी नहीं है कि उसे आगे की ओर ज्यादा झुकना पड़े. स्ट्रेट पोजिशन में बैठे हुए ही आराम से स्कूटर को राइड किया जा सकता है. स्पेस का भी काफी ख्याल रखा गया है ताकि अगर कोई व्यक्ति थोड़ा बहुत सामान लेकर राइड कर रहा है तो वह भी कंफर्ट के साथ राइड कर सके. इसमें 30 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है यानी आपका बड़े साइज का हेलमेट और बाकी काफी सामान भी इसमें आराम से रखा जा सकता है.



राइड क्वालिटी और स्पीड


राइड क्वालिटी इसके मोड्स पर डिपेंड करती है. स्कूटर में चार मोड- ईको, राइड, डैश और सोनिक मिलते हैं. चारों मोड्स की अपनी खासियतें और कमियां हैं. ईको मोड में रेंज सबसे ज्यादा मिलती है. कंपनी का दावा है कि 'ईको मोड में आइडियल कंडीशन्स होने पर 236km की रेंज तक मिल सकती है.' लेकिन, पावर कम जनरेट होती है. एक व्यक्ति के बैठने पर ही, आपको शुरू में पिकअप लेते हुए लैग फील होगा और अगर दो लोग बैठे होंगे तो ज्यादा लैग महसूस हो सकता है. इसका कारण यह भी हो सकता है कि इस मोड को पावर के लिए नहीं बल्कि परफॉरमेंस (रेंज) के लिए डिजाइन किया गया है. लेकिन, जैसे-जैसे आप मोड बढ़ाते (ईको से राइड, डैश और फिर सोनिक) हैं, वैसे-वैसे ही आपको इसकी पावर का अहसास होने लगेगा. 


ईको मोड में पिकअप लेते हुए जो लैग महसूस होता है, वह राइड मोड में थोड़ा कम हो जाता है और फिर डैश मोड में न के बराबर रह जाता है. इसके बाद सोनिक मोड में सिर्फ आप पावर फील करते हैं. यहां आप जैसे ही थ्रोटल करते है, वो सीधा स्पीड में ट्रांसलेट होता है और आप स्पीड का रोमांच महसूस कर पाते हैं. कंपनी जो दावा कर रही है कि यह स्कूटर 2.77 सेकंड में 0 से 40km की स्पीड पकड़ने में सक्षम है, वह इसी मोड में संभव है. हमने राइडिंग के दौरान स्टॉपवॉच से इसे मीजर तो नहीं किया लेकिन यह जरूर अनुभव किया कि सोनिक मोड में स्कूटर बहुत ही तेज हो जाता है. हालांकि, सोनिक मोड इस्तेमाल करने के लिए बैटरी अच्छे लेवल तक चार्ज होने जरूरी है. अगर बैटरी 30 परसेंट से कम चार्ज होगी तो यह सोनिक मोड पर शिफ्ट नहीं होगा. 


स्कूटर की टॉप स्पीड को लेकर दावा है कि यह 105km की स्पीड पर दौड़ सकता है. यह भी सोनिक मोड में ही संभव है. हालांकि, हमारे पास जो ट्रैक था, उसपर इतनी स्पीड पर स्कूटर चलाना मुश्किल था क्योंकि टर्न काफी करीब-करीब थे. लेकिन, इसके बावजूद हमने स्कूटर को 90km/h की स्पीड तक चलाया है और इतनी स्पीड पर भी स्कूटर ऐसा नहीं हुआ कि राइडिंग में कॉन्फिडेंस लूज हुआ हो. यह एक अच्छी बात है. इसकी टर्निंग रेडियस और कॉर्निंग भी अच्छी है. हमने काफी स्पीड पर टर्न लिए लेकिन किसी भी कॉर्नर पर स्कूटर साइड से नीचे टच नहीं हुआ.



हैंडलिंग और ब्रेकिंग


हैंडलिंग की बात करें तो स्कूटर सड़क के साथ काफी ग्रिप बनाकर चलता है. सस्पेंशन को इंडियन रोड्स के हिसाब से बेहतर ट्यून किया गया है. यह न ही ज्यादा स्टिफ हैं और न ही ज्यादा सॉफ्ट हैं. किसी तरह की कोई आवाज सस्पेंशन से नहीं आती है. इसके फ्रंट में टेलिस्कोपिक फोर्क्स और रियर में मोनोशॉक सेटअप मिलता है, जिससे ओवरऑल राइड सॉफ्ट मिलती है. हैंडलबार में किसी तरह की वाइब्रेशन नहीं है.


ब्रेकिंग के लिए डबल डिस्क का इस्तेमाल किया गया है. आगे और पीछे, दोनों पहियों पर डिस्क ब्रेक मिलते हैं. हालांकि, ब्रेक बाइट हार्ड नहीं है या कहें कि काफी सॉफ्ट है. लेकिन, इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. जब एक बार स्कूटर चलाना शुरू कर देते हैं तो ब्रेक बाइट हार्ड हो या सॉफ्ट, उसकी आदत पड़ जाती है. लेकिन, हार्ड ब्रेक बाइक कई बार इमरजेंसी में काफी काम आ जाती है. 


राइडिंग के दौरान एक समय ऐसा आया जब स्कूटर की स्पीड 30km/h से 35km/h के करीब रही होगी और दोनों ब्रेक्स का इस्तेमाल करने के बाद भी स्कूटर करीब 15 फीट की दूरी पर जाकर रुका होगा. लेकिन, अगर ब्रेक बाइट हार्ड होती तो यह करीब 8 फीट से 10 फीट तक रुक जाना चाहिए था, इसमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए थी.



मटिरियल क्वालिटी और डिजाइन


मटिरियल क्वालिटी में कोई कॉस्ट कटिंग नजर नहीं आती है. डिजाइन भी काफी शॉर्प है. स्कूटर देखने में काफी अग्रेसिव लगता है. स्कूटर आगे और पीछे से शॉर्प है जबकि बीच में थोड़ा थिक रहता है. आरामदायक राइड के लिए सीट की चौड़ाई काफी ठीक रखी गई है. स्कूटर में पूरा एलईडी सेटअप मिल जाता है. फ्रंट और रियर, दोनों एलईडी सेटअप में मिलते हैं. फ्रंट में डीआरएल भी मिलते हैं, जो डैश बोर्ड के अगले हिस्से पर हैं.


इसमें जेड शेप में फ्रंट इंडीकेटर्स मिलते हैं, जो हैलोजन बल्ब के साथ आते हैं. पीछे भी हैलोजन इंडीकेटर्स हैं. डैशबोर्ड पर 7 इंजन की डिस्पेल मिलती है, जिसमें आपको बैटरी चार्ज लेवल, रेंज, ट्रिप, स्पीड, मोड जैसे बेसिक फीचर्स से लेकर मैप जैसे हाईटेक फीचर्स भी मिलते हैं. डिस्पेल की ब्राइटनेस काफी है, तो तेज धूप में भी इसे देखने में कोई परेशानी नहीं होने वाली है. आप इसकी ब्राइटनेस को कम या ज्यादा (सीमित स्तर तक) भी कर सकते हैं.


इसके अलावा, बैटरी को दो हिस्सों में बांटना भी इसके फेवर में जाता है. स्कूटर के स्पेस को ऐसे डिजाइन किया गया है कि इसके 4.8kwh के बैटरी पैक को दो हिस्सों में बांटा गया है. बैटरी का एक हिस्सा फिक्स है, जो राइडर के पैर रखने वाली जगह के नीचे है और दूसरा हिस्सा रिमूवेल है, जो सीट के नीचे दिया गया है. आप सीट को ऊपर उठाकर इसे बाहर निकाल सकते हैं और स्कूटर से अलग ले जाकर चार्ज करके वापस स्कूटर में लगा सकते हैं.



फिट एंड फिनिश


स्कूटर की फिट एंड फिनिश उतनी बेहतर नहीं है. जो स्कूटर हमने चलाया उसकी फिट एंड फिनिश को लेकर कई बातें हैं, जिनके बारे में जब हमने सिंपल वन के कोपाउंडर श्रेष्ठ मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि यह अभी प्रोडक्शन रेडी मॉडल नहीं है, इसमें काफी काम बाकी है और जो प्रोडक्शन रेडी मॉडल होगा उसमें फिट एंड फिनिश की कोई कमी नहीं होगी.


दरअसल, जो स्कूटर हमने चलाया उसके पार्ट्स की फिटिंग में काफी जगह गैप नजर आया और साथ ही राइड के दौरान कुछ ऐसी आवाज भी सुनने को मिली, जो शायद स्कूटर में नहीं होनी चाहिए थी, किसी पार्ट की लूज फिटिंग के कारण रही होगी. स्कूटर चार कलर स्कीम में आता है, हमने रेड कलर स्कीम वाला स्कूटर चुना था. स्कूटर की सबसे अच्छी बातों में से एक बात यह भी है कि स्कूटर पूरी तरह से भारत में निर्मित है. 



स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स


यहां तक इसकी राइडिंग को लेकर एक्सपीरियंस की बात रही, अब आपको इसकी स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स बताते हैं, जिनके बारे में कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर भी जिक्र किया है. इनमें से कुछ के बारे में ऊपर ही राइडिंग एक्सपीरियंस बताते हुए जिक्र किया है, जो रह गए हैं उनके बारे में यहां जानिए. 


इसमें रिमोट एक्सेस, सेफ्टी के लिए फेंसिंग, ओटीए अपडेट, सेव एंड फॉरवर्ड रूट, राइड स्टैटिक्स, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और कॉल फीचर्स मिलेंगे. स्कूटर में रिमोट लॉकिंग फीचर, 8.5kw की मोटर (टॉर्क- 72 एनएम, पावर- ​​4.5 किलोवाट), डुअल डिस्क ब्रेक और 12 इंच के टायर मिलेंगे. इसका कर्ब वेट 115 किलोग्राम है.


क्या अच्छा लगा- रेंज, स्पीड, राइडिंग, हैंडलिंग और डिजाइन.
क्या अच्छा नहीं लगा- ईको और राइड मोड में लैग, फिट एंड फिनिश.


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