Automatic Car Vs Manual Car: नई कार खरीदते समय कोई भी व्यक्ति थोड़ा-बहुत कंफ्यूज तो हो ही सकता है क्योंकि कार खरीदने का मतलब कम से कम 4-5 लाख रुपये खर्च करना होता है. भारत में एंट्री लेवल कारों की कीमत लगभग 3.4 लाख रुपये से शुरू होती है. ऐसे में अगर कोई सबसे सस्ती कार भी खरीदता है तब भी उसे लगभग-लगभग 4 लाख रुपये (ऑन रोड) तक खर्च करने पड़ सकत हैं. वहीं, अगर कोई व्यक्ति चाहे तो इससे ज्यादा महंगी कार भी खरीद सकता है. अब बहुत से लोग ट्रांसमिशन को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं कि वह ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार खरीदने या मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार खरीदें. इसलिए, आज हम बताने वाले हैं कि किन लोगों को ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारें नहीं खरीदनी चाहिए.


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बजट


अगर आपका बजट कम है तो ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार से बचें क्योंकि मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों के मुकाबले ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारें ज्यादा महंगी होती हैं. ऐसे में अगर आपको ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार खरीदनी है तो उसके लिए ज्यादा पैसा खर्च करने होंगे. इसीलिए, वो लोग ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार न खरीदें, जिनका बजट कम है.


ट्रैफिक


अगर आप कार को किसी ऐसी जगह इस्तेमाल करेंगे, जहां कम ट्रैफिक है. यानी, आप ऐसे शहर या क्षेत्र में कार चलाएंगे, जहां ज्यादा भीड़ नहीं है तो आपको ऑटोमेटिक कार खरीदने की कोई खास जरूरत नहीं है.


माइलेज


अगर आपको कार से ज्यादा माइलेज चाहिए तो ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार शायद आपके लिए उतनी बेहतर नहीं रहेगी, जिनती मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार हो सकती है क्योंकि आम तौर पर ऑटोमेटिक कारों के मुकाबले मैनुअल कारें ज्यादा माइलेज देती हैं.


मेंटेनेंस


मैनुअल गियरबॉक्स के मुकाबले ऑटोमेटिक गियरबॉक्स की मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा होती है. यानी, अगर कार का ऑटोमेटिक गियरबॉक्स खराब होता है, तो मैनुअल गियरबॉक्स के मुकाबले उसे सही कराने में आपका ज्यादा पैसा खर्च होगा.


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