Maruti Suzuki Eeco: Maruti की कारें दुनियाभर में बेहद ही पॉपुलर हैं, भारत में तो इतनी इतनी डिमांड है कि हाथों हाथ लोग इन्हें खरीदते हैं. हैच बाइक से लेकर एसयूवी तक, हर कैटेगरी में मारुति की कारों का अच्छा-खासा रिस्पॉन्स मिलता है. आपको बता दें कुछ साल से मारुति की एक कार जिसका नाम Eeco है, इसे खरीदने वाले ओनर्स के सामने एक बड़ी मुसीबत आ रही है. दरअसल इस कार में एक ऐसा पार्ट है जो इतना कीमती है कि चोर उसे चुराकर अच्छी-कमाई कर रहे हैं. ये पार्ट सोने की तरह ही कीमती है. अब ये कौन सा पार्ट है और इसके कीमती होने के पीछे क्या कारण है ये बात आज हम आपको बताने जा रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें: MG Windsor EV vs Mahindra XUV400 EV: जानें कौन सी किफायती इलेक्ट्रिक कार है बेस्ट


कौन सा है ये पार्ट 


दरअसल हम Maruti Eeco के जिस कार पार्ट की बात कर रहे हैं उसका नाम कैटालिटिक कन्वर्टर है, ये बाकी पार्ट्स से कहीं ज्यादा कीमती है जिसकी वजह से चोर इसे अपना निशाना बनाते हैं. यह पार्ट सोने जितना कीमती इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें पैलेडियम, प्लेटिनम, और रोडियम जैसी कीमती धातुएं होती हैं, जो बहुत महंगी होती हैं. ये धातुएं प्रदूषण को कम करने वाले उपकरण में इस्तेमाल होती हैं और इनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी भारी डिमांड है. चोर इन्हें कुछ ही मिनटों में निकालकर स्क्रैप डीलर्स को बेच देते हैं, जिससे उन्हें मोटा मुनाफा होता है​.


कैसे काम करता है कैटालिटिक कन्वर्टर 


मारुति Eeco में लगा हुआ कैटालिटिक कन्वर्टर गाड़ी के इंजन से निकलने वाले हानिकारक उत्सर्जन को कम करने के लिए इस्तेमाल होता है. यह गाड़ी के एग्जॉस्ट सिस्टम का हिस्सा होता है और तीन मुख्य प्रदूषकों – कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), और हाइड्रोकार्बन – को कम करता है. इसके अंदर मौजूद कीमती धातुएं जैसे प्लेटिनम, पैलेडियम, और रोडियम, रासायनिक प्रतिक्रिया को तेज करती हैं, जिससे ये प्रदूषक कम हानिकारक गैसों में बदल जाते हैं.


यह भी पढ़ें: Queen ने खरीदी 4 करोड़ की अल्ट्रा प्रीमियम SUV, डिजाइन और फीचर्स ऐसे, पूरा बॉलीवुड हुआ इसका दीवाना


ऐसे करता है काम 


रिडक्शन कैटेलिस्ट: यह प्रक्रिया नाइट्रोजन ऑक्साइड गैसों को नाइट्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ती है, जिससे हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है.


ऑक्सीडेशन कैटेलिस्ट: इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन को कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में बदला जाता है, जिससे इन गैसों की हानिकारक प्रभाव कम हो जाता है.


ऑक्सीजन स्टोरेज: इसमें एक सेंसर होता है जो ऑक्सीजन की मात्रा को कंट्रोल करता है जिससे एग्जॉस्ट में मौजूद प्रदूषकों को प्रभावी ढंग से तोड़ा जा सके.