Car Buying Tips: पुरानी कार खरीदें तो इन 5 बातों को कभी न भूलें, वरना बाद में अपना सिर पीटेंगे!
Second Hand Cars: पुरानी कार खरीदना आसान काम नहीं होता है. पुरानी कार खरीदते समय कई चीजों को लेकर सावधानियां बरतनी होती हैं. अगर सावधानी न बरती जाए तो आप गलत कार खरीद कर घर ला सकते हैं, जो भविष्य में आपको परेशान कर सकती है.
Used Cars: पुरानी कार खरीदना आसान काम नहीं होता है. पुरानी कार खरीदते समय कई चीजों को लेकर सावधानियां बरतनी होती हैं. अगर सावधानी न बरती जाए तो आप गलत कार खरीद कर घर ला सकते हैं, जो भविष्य में आपको परेशान कर सकती है. इसलिए, आज हम आपको ऐसी पांच बातों के बारे में बताने वाले हैं, जो पुरानी कार खरीदते समय आपको ध्यान में रखनी चाहिए और उनके अनुसार ही पुरानी कार खरीदनी चाहिए.
1. बजट
इन पांच बातों में सबसे पहली बात है- बजट. जब भी पुरानी कार खरीदें तो सोच-समझकर बजट तय करें. जो कार आप खरीदना चाह रहे हैं, उसके बारे में रिसर्च कर लें कि उसकी सेकंड हैंड कार मार्केट में क्या वैल्यू हो सकती है या फिर कितनी डिमांड है. उसके अनुसार ही अपना बजट तय करें. बजट से बाहर जाकर कार ना खरीदें.
2. टेस्ट ड्राइव
जब आप किसी पुरानी कार को खरीदें तो उसकी टेस्ट ड्राइव जरूर लें और बहुत अच्छे से लें. टेस्ट ड्राइव लेते समय ध्यान दें कि कार में कहीं कोई कमी या खराबी तो नहीं है, कोई अजीब आवाज तो नहीं है, चलने में कैसी है और इंजन कैसी आवाज कर रहा है. कार के रिस्पांस से ही आपको यह सब पता चल जाएगा. थोड़ी टेस्ट ड्राइव में समझ ना आए तो ज्यादा समय के लिए टेस्ट ड्राइव करें.
3. मूल्यांकन
टेस्ट ड्राइव लेने के बाद कार का मूल्यांकन करें. अलग-अलग पैरामीटर्स पर कार को रखें. अगर आपको कार में कोई कमी नजर आ रही है तो देखें कि उस कमी को ठीक कराने में कितना खर्चा आएगा. साथ ही देखें कि कहीं वह परेशानी ज्यादा गंभीर तो नहीं है. इन सारी बातों के आधार पर कार का मूल्यांकन करें कार की कीमत लगाएं.
4. सर्विस रिकॉर्ड
अगर यहां तक की सारी चीजें ठीक रहती हैं तो कार का सर्विस रिकॉर्ड चेक करें.सर्विस रिकॉर्ड से आपको पता चलेगा कि उसमें ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर क्या-क्या काम हुआ है और कब-कब हुआ है. अगर आपको सर्विस रिकॉर्ड बिल्कुल ठीक लगता है तो इसका मतलब है कि काफी हद तक कार सही ही होगी.
5. मैकेनिक
इतना करने के बाद आपको रुकना नहीं है. लास्ट में मैकेनिक को भी जरूर दिखा लें या कार को ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर ले जाकर उसका इंस्पेक्शन करा लें. इससे आप कार के बारे में अच्छे से जान सकते हैं कि कार में कहां और क्या-क्या दिक्कत, परेशानी है या फिर नहीं है. इसके बाद ही डील फाइनल करें.
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