नई दिल्लीः दिल्ली सरकार एक पायलेट प्रोजेक्ट चला रही है जिसमें वाहन खरीदने वालों को हाथों-हाथ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी मिलेगी, ये बात ट्रांसपोर्ट विभाग ने बताई है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत मार्च में की गई थी और इसके अंतर्गत अबतक 1.44 लाख ग्राहकों को कार की खरीद के समय ही आरसी सौंपी जा चुकी है. पहली आरसी 17 मार्च को सौंपी गई थी. इसके बाद पूरी दिल्ली में इस प्रोजेक्ट को लागू किया गया है. इस प्रोजेक्ट में सभी सेल्फ रजिस्ट्रेशन डीलर्स खुद आरसी छापने में सक्षम हो गए हैं. ये बात बीकाजी कामा प्लेस में एक आरसी प्रिटिंग फैसिलिटी का इंस्पेक्शन करने गए राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने बताई है.


अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा


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कैलाश गहलोत ने बताया कि ग्राहकों को आरसी प्रिंटिंग के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा और दिल्ली में जल्द ही 6 लाख आरसी सालाना वाहन खरीद पर ही सौंपे जाने लगेंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही इस सुविधा को जनता के लिए शुरू करेंगे. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए क्यूआर कोड पर आधारित स्मार्ट कार्ड के अगले हिस्से पर वाहन मालिक का नाम छपा होगा, वहीं पिछले हिस्से पर माइक्रोचिप और क्यूआर कोड लगाया जाएगा. एक बार वाहन डेटाबेस से स्मार्ट कार्ड की जानकारी लिंक होने के बाद इसका यूनिफिकेशन जारी हो जाएगा.


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छेड़छाड़ और नकल की संभावना खत्म


फिलहाल दिल्ली में कुल 263 ऐसी डीलरशिप हैं जहां तुरंत वाहन का आरसी छापने की व्यवस्था है और इस नए सिस्टम के आ जाने से ग्राहकों को आरसी पाने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. इसके लिए ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा कोरे आरसी कार्ड डीलरशिप को दिए जाएंगे जिससे इसमें छेड़छाड़ और नकल की संभावना खत्म हो जाती है. डेटा एंट्री, वेरिफिकेशन और अप्रूवल के बाद डीलर द्वारा वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट छापा जा सकेगा. ये प्रोजेक्ट आने वाले समय में बाकी राज्यों में भी लागू किया जा सकता है जिससे सिर्फ दिल्ली ही नहीं बाकी जगहों के ग्राहकों को भी आरसी के लिए लंबे इंतजार से निजात मिलेगी.