Windshield In Cars: अगर आपने नोटिस किया हो तो कारों की विंडशील्ड तिरछी लगी होती है जबकि बसों में सीधी विंडशील्ड मिलती है. तो क्या आपने यह सोचा कि आखिर ऐसा क्यों होता है, क्यों कार निर्माता कंपनियां गाड़ियों में सीधी विंडशील्ड नहीं देती हैं? चलिए, आपको इसके बारे में बताते हैं. एक शब्द में इसका जवाब दें है एयरोडायनेमिक्स. कारों को ज्यादा एयरोडायनेमिक बनाने के लिए विंडशील्ड को तिरछा लगाया जाता है. बसों की तुलना में कारें ज्यादा एयरोडायनेमिक होती हैं. 


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इसे और ज्यादा आसान शब्दों में कहें तो कार की विंडशील्ड को तिरछा लगाने से हवा आसानी से कट जाती है और कार आगे बढ़ती रहती है. लेकिन, अगर विंडशील्ड बिल्कुल सीधी होगी तो कार के आगे चलने पर हवा का ज्यादा फोर्स (पीछे की ओर) उसपर लगेगा क्योंकि हवा आसानी से नहीं कट पाएगी, जिससे कार का आगे बढ़ने में दिक्कर होगी. ऐसा होने पर कार को आगे चलाने के लिए ज्यादा पावर की जरूरत होगी, जिससे इंजन पर जोर पड़ेगा. 


एयरोडायनेमिक्स का ख्याल सिर्फ कार की विंडशील्ड लगाने में ही नहीं किया जाता बल्कि पूरी कार को डिजाइन करते समय भी इसका ध्यान रखा जाता है. जो तेज रफ्तार वाली कारें होती हैं, उनमें इंजन तो ज्यादा पावरफुल होता ही है, साथ ही उनका एयरोडायनेमिक्स ज्यादा बेहतर भी होता है.


लैमिनेटेड और टेम्पर्ड विंडशील्ड


आम तौर पर विंडशील्ड दो तरह की होती हैं, लैमिनेटेड और टेम्पर्ड. टेम्पर्ड विंडशील्ड के मुकाबले लैमिनेटेड विंडशील्ड को बेहतर माना जाता है क्योंकि इसे बनाने में दो ग्लास इस्तेमाल किए जाते हैं और बीच में प्लास्टिक होती है, जिससे दुर्घटना होने पर यह आसानी से टूटती नहीं है.


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