Garuda Purana on Rebirth: सनातन धर्म जन्म-जन्मांतर की बात करता है. यानी कि कोई प्राणी इस जीवन में मरने के बाद फिर किसी नए रूप में जन्म लेता है. लेकिन वह अगला जन्म किस रूप में लेगा, यह किसी को पता नहीं होता. गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में अगले जन्म से जुड़े इस रहस्य का राज बताया गया है. इस पवित्र ग्रंथ के मुताबिक मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसके अनुरूप ही उसके अगले जन्म का निर्धारण होता है. ऐसे में आप अपने मौजूदा कर्मों के आधार पर जान सकते हैं कि आप अगला जन्म किस रूप में लेने वाले हैं. 


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ऐसे लोग अगले जन्म में बनते हैं पशु


गरुड़ पुराण के मुताबिक जो व्यक्ति जानवरों के शिकार या लूटपाट करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है, उसे अगला जन्म (Garuda Purana on Rebirth) किसी पशु के रूप में लेना पड़ता है और उसकी मृत्यु किसी कसाई के हाथों होती है. 


ऐसे व्यक्ति जो महिलाओं की तरह वस्त्र पहनते हैं और आचरण करते हैं. जिनके हावभाव और आदतों में महिलाओं जैसी झलक मिलती है, वे अगला जन्म स्त्री का ही पाते हैं. 


इन लोगों का नपुंसक के रूप में होता है जन्म


गरुड़ पुराण में कहा गया है कि महिलाओं का यौन शोषण या उनसे अप्राकृतिक संबंध बनाने वाले लोग अगले जन्म (Garuda Purana on Rebirth) में नपुंसक बनते हैं और आजीवन रोगों से पीड़ित रहते हैं 


जीवनभर किसी को धोखा, छलकपट और फरेब करने वाले व्यक्ति अगले जन्म (Garuda Purana on Rebirth) में उल्लू बनते हैं. वहीं झूठी गवाही देकर दूसरे को फंसाने वाला व्यक्ति अगले जन्म में अंधा बनकर पैदा होता है.


इन लोगों को झेलनी पड़ती हैं घोर यातनाएं


जो लोग अपने गुरुजनों और बुजर्गो का अपमान करते हैं, उन्हें अगले जन्म में घोर यातनाएं सहनी पड़ती हैं. उन्हें अगला जन्म ऐसे ब्रह्मराक्षस का मिलता है, जो जल रहित वन में रहता है और पानी की तलाश में मारा-मारा फिरता है.


गरुण पुराण (Garuda Purana on Rebirth) के मुताबिक अपने भाई-बहन या मां-बाप को तंग रखने वाले व्यक्ति के लिए अगला जन्म बहुत भारी रहता है. ऐसे व्यक्ति को अगला जन्म तो मिलता है लेकिन वह दुनिया में नहीं आ पाता और गर्भ में ही उसकी मृत्यु हो जाती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


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