Palmistry Science: हस्तरेखा विज्ञान का अध्ययन हाथ में बनी रेखाओं को देखकर व्यक्ति के भविष्य की भविष्यवाणी करना है. भारतीय ऋषियों ने माना है कि हाथ की रेखाओं और आकाश में स्थित ग्रह-नक्षत्रों के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में होने वाले सुख-दुःख का अनुमान लगाया जा सकता है. इसके अलावा, जन्मकुण्डली भी ज्योतिषीय परिप्रेक्ष्य में व्यक्ति के जीवन की घटनाओं का आकलन करने के लिए बनाई जाती है. जन्मकुण्डली बनाने के लिए हाथ की रेखाओं का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. प्राचीन ग्रंथों में भी इस विज्ञान का उल्लेख है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन रेखाओं और चिन्हों का सीधा संबंध व्यक्ति के पूर्वजन्म के कर्मों से होता है. इसके साथ ही, उंगलियों पर बने चक्र का महत्व भी हमारे व्यक्तित्व, स्वभाव और जीवन के अन्य पहलुओं के बारे में सूचना देने में है. उंगलियों पर बने चक्र व्यक्ति की आंतरिक ऊर्जा, संवेदनशीलता और क्षमताओं के बारे में अहम सूचना प्रदान करते हैं. इन चक्रों का संख्या और आकार भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे व्यक्ति की स्वभाविक प्रवृत्तियां और उसके जीवन में आने वाली संभावनाएं भी जानी जा सकती हैं.


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अंगूठे पर चक्र
हाथ की उंगलियों पर बने चक्र भी विशेष महत्व रखते हैं. उंगलियों पर बने चक्र की संख्या और स्थिति के आधार पर व्यक्ति के विभिन्न गुणों, जीवन की संभावित घटनाओं और पहलुओं की जानकारी प्राप्त होती है. जैसे, व्यक्ति के अंगूठे पर चक्र का होना धन और प्रभाव की प्राप्ति का सूचक होता है.


 मध्यमा उंगली पर चक्र
इसी प्रकार, विभिन्न उंगलियों पर चक्र का होना विभिन्न प्रकार की सफलता और समृद्धि का सूचक होता है. जैसे, मध्यमा उंगली पर चक्र का होना धार्मिकता और धन की प्राप्ति का संकेत देता है. ऐसे लोगों पर शनि ग्रह की कृपा होती है. 


अनामिका उंगली पर चक्र
जबकि अनामिका उंगली पर चक्र का होना व्यापार में सफलता का प्रतीक है. वर्तमान समय में, फिंगर प्रिन्ट तकनीक से भी व्यक्ति की पहचान और जानकारी हासिल की जाती है, जो हस्तरेखा विज्ञान से भिन्न है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)