Karva Chauth Vrat Katha: भारतीय संस्कृति की पहचान उनके त्यौहारों से भी है. भारत में समय-समय पर व्रत त्यौहार आते रहते हैं.  ऐसे में हिन्दू धर्म को देखें तो इसमें व्रत-त्यौहारों की भरमार है. यहाँ पर पति और पत्नी के अटूट प्रेम संबंध के कई पर्व देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक व्रत करवा चौथ का भी है जो पति की लम्बी उम्र की मंशा से रखा जाने वाला व्रत है. ऐसे में आपको बता दें कि यह त्यौहार इस वर्ष 1 नवम्बर 2023 को बुधवार के दिन पड़ रहा है. इसी दिन पत्नियाँ अपने पति के दीर्घायु और कुशलता के लिए उपवास के साथ भगवान गणेश की पूजा भी करती हैं. ऐसे में पूजा करने का सही मुहूर्त कब का है? किस-समय पूजा करने का फल अधिक मिलेगा यह जानना बेहद जरूरी है, इसी विषय में आइए विस्तार से जानते हैं.


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यह व्रत पति-पत्नी के प्रेम को देता है बढ़ावा:


आपको बता दें कि भारतीय संस्कृति का गर्व और एकता का प्रतीक है करवा चौथ का व्रत. यह एक ऐसा व्रत है जिसमें पत्नी अपने पति की लम्बी उम्र और सुख-शांति की कामना करती हैं. यह त्योहार एक अद्वितीय तरीके से साथी-साथिन के रिश्तों को मजबूती देता है साथ ही उनके आपसी स्नेह को और भी गहरा बनाता है.


करवा चौथ का महत्व:


भारतीय समाज में करवा चौथ का विशेष महत्व है. यह एक दिन का व्रत है जिसमें पत्नी अपने पति की लम्बी आयु और उनकी खुशी-सुख से प्राप्ति की कामना करती हैं. इसके अलावा, यह एक उत्तम तरीका है जिसमें शोध-संधान के बाद भी उपयोगी जानकारी निकालने का उपाय है. जब चांदनी रात का मंगल पुर्वदृष्टि में नजर आता है, तो यह संकेत देता है कि व्रत समाप्त हुआ और खुशियों का समय आ गया है.


करवा चौथ 2023 की तारीख:


करवा चौथ का यह वर्ष (2023) 1 नवंबर को मनाया जाएगा. यह त्योहार व्रत, पूजा, और विशेष खास खानपीन के साथ मनाया जाता है.


करवा चौथ पूजा मुहूर्त:


पूरे भारत में करवा चौथ का पूजा मुहूर्त सामान्यत: शाम 05:44 बजे से लेकर 07:02 बजे तक होता है. यह समय विभिन्न स्थानों पर थोड़े भिन्न हो सकता है, इसलिए स्थानीय पंचांग अवश्य चेक करें.



उपाय:


सुहागनियां एक साथ बैठकर पूजा करें: सुहागनियां एक साथ बैठकर गौरी-शंकर जी की पूजा करती हैं. यह साथी की लम्बी आयु और उनकी खुशी के लिए किया जाता है.


पूजा में चांद को देखकर करें सर्वथा दर्शन: पूजा में सभी सुहत्वपूर्ण है. यह व्रत पूरे भारत में स्त्रियों के बीच एक मान्यता प्राप्त किया है जो उनके पति की लम्बी आयु और उनकी खुशी की कामना करती है. सुहागनियां चांद को देखकर पूजा करती हैं. यह चांद से आशीर्वाद प्राप्ति के लिए है.


करवा चौथ व्रत कथा सुनें: इस व्रत की कथा सुनना अत्यंत मकरवा चौथ एक महिला की पतिव्रता धर्म का प्रतीक है और इस दिन पतिव्रता स्त्रियाँ अपने पतियों की लम्बी आयु और उनकी खुशी की कामना करती हैं. यह त्योहार प्यार और विश्वास के रिश्तों को मजबूती देता है और एक साथी के साथिन के बंधन को और भी गहरा बनाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)