When is Onam: सावन के महीने की शुरुआत होते ही त्योहारों की भी शुरुआत हो जाती है. दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार माने जाने वाले ओणम पर्व की शुरुआत इस बार 29 अगस्त से होगी. यह त्योहार 10 दिनों तक चलता है. और मुख्य रूप से केरल में मनाया जाता है. जिसे वहां की स्थानीय भाषा में थिरुवोणम कहा जाता है. इस त्योहार को खासतौर पर खेतों में अच्छी फसल के लिए मनाते हैं. इस त्योहार को मनाने के पीछे भगवान विष्णु के अवतार वामन और असुर राज बलि की कहानी छिपी है.


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10 दिन का उत्सव


मलयालम कैलेंडर के अनुसार, ओणम का त्योहार जिस महीने मनाया जाता है, उसे चिंगम कहते हैं. केरला में इस महीने से ही साल की शुरुआत मानी जाती है. ओणम के हर 10 दिन में से हर एक दिन खास होता है. इन 10 दिनों तक लोग घर की साफ-सफाई और सजावट का पूरा ध्यान रखते हैं और भगवान विष्णु और महाबली की पूजा करते हैं.


प्रतियोगिता


ओणम के दिन लोग सुबह जल्द उठकर मंदिर जाते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इसके बाद नाश्ते में केला-पापड़ खाकर पकलम बनाते हैं. ओणम के अवसर पर केरल में नौका, भैंस और बैल दौड़ का आयोजन किया  जाता है. वहीं, कई तरह की अन्य प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है. केरल में ओणम के अवसर पर किए जाने वाली नौका दौड़ विश्व प्रसिद्ध है.


कथा


ओणम के त्योहार से पौराणिक कथा जुड़ी है. एक समय की बात है असुरों के राजा बलि अति पराक्रमी थे. उन्होंने देवताओं को युद्ध में पराजित कर स्वर्ग अपने कब्जे में ले लिया था. स्वर्ग हाथ से जाने के चलते देवता काफी दुखी थे और इसके लिए वह माता अदिति के पास पहुंचे और समस्या बताई. इसके बाद अदिति ने पति कश्यप ऋषि के कहने पर एक व्रत किया, जिसके शुभ फल से भगवान विष्णु ने वामन देव के रूप में जन्म लिया. बलि अहंकारी था, उसे लगता था कि वह सबसे बड़ा दानी है. ऐसे में उसका घमंड तोड़ने के लिए विष्णु अवतार वामन देव बलि के पास पहुंचे और दान में तीन पग धरती मांगी.


बलि को लगा कि यह तो यह बच्चा तो काफी छोटा है और तीन पग भूमि कौन सी बड़ी बात है और उन्होंने वामन देव को तीन पग भूमि देने का संकल्प कर लिया. इसके बाद वामन देव ने आकार बड़ा कर एक पग में पृथ्वी और दूसरे पग में स्वर्ग नाप लिया. इसके बाद उन्होंने राजा से कहा कि अब तीसरा पग कहां रखूं. ये सुनते ही बलि का अहंकार टूट गया और उसने वामन देव से कहा कि तीसरा पग आप मेरे सिर पर रख सकते हैं. उनका यह दानी रूप देखकर वामन देव प्रसन्न हुए और उसे पाताल लोक का राजा बना दिया. दक्षिण भारत में यह मान्यता है कि ओणम के पहले दिन राजा बलि पाताल लोक से धरती पर आते हैं और प्रजा का हाल चाल पूछते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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