Rudraksha Benefits: सावन का महीना चल रहा है और भक्त शिवभक्ति में मग्न हैं. इस दौरान भगवान शंकर से जुड़ाव के लिए कई तरह की चीजें घर में रखते हैं या धारण करते हैं. इनमें से एक रुद्राक्ष भी है. रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है और यह उनको काफी प्रिय भी है. इसको धारण करने से भगवान शंकर की कृपा मिलने लगती है और कई तरह के रोगों और कुंडली के दोषों से भी मुक्ति मिलती है. ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. यही वजह है कि महादेव के भक्त इसकी माला धारण करते हैं. लोग रुद्राक्ष की माला तो धारण कर लेते हैं, लेकिन उसको पहनने और पहनने के बाद के नियमों के बारे में नहीं जानते हैं. इसी वजह से रुद्राक्ष पहनने से फायदा तो मिलता नहीं है, बल्कि नुकसान होने लगता है.


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धागा


रुद्राक्ष को काले रंग के धागे में धारण नहीं करना चाहिए. इसे पीले रंग या लाल रंग के धागे में पहना जा सकता है. रुद्राक्ष को कभी भी गंदे हाथों से छूना नहीं चाहिए. इसे हमेशा स्‍नान करने के बाद साफ कपड़े पहनने के बाद ही धारण करना चाहिए. रुद्राक्ष पहनते समय  ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप जरूर करें. माले में रुद्राक्ष की संख्या विषम होनी चाहिए. कभी भी 27 मनकों से कम की रुद्राक्ष माला धारण नहीं करना चाहिए.


स्थान


कभी भी दूसरों के रुद्राक्ष की माला नहीं पहननी चाहिए और अपनी माला किसी अन्य को नहीं देना चाहिए. ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है. किसी की शोक सभा या शव यात्रा में रुद्राक्ष की माला पहनकर नहीं जाना चाहिए. वहीं, जो लोग मांसहार करते हैं या फिर शराब का सेवन करते हैं तो ऐसे लोगों को भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए. ऐसी जगह भी जाने से बचें, जहां पर इन दोनों ही चीजों का सेवन होता हो.


खानपान


कोई इंसान अगर रुद्राक्ष धारण करना चाहता हो तो उसे धूम्रपान, मदिरा पान और मांसाहार का त्याग कर देना चाहिए. गर्भवती महिलाएं रुद्राक्ष धारण करने से बचें. कोई महिला अगर रुद्राक्ष पहनती है तो उसे बच्चे के जन्म के बाद सूतक काल समाप्त होने तक रुद्राक्ष नहीं पहना चाहिए. हालांकि, इसके बाद वह दोबारा से धारण कर सकती हैं. रात को सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार लेना चाहिए. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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