Surya Arghya Niyam: हिंदू धर्म  में ग्रहों के देवता सूर्य देव (Surya Dev) का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेव को पिता, आत्मा और स्वास्थ्य का कारक माना गया है. इसके साथ ही सूर्य देव को सुबह अर्घ्य देने से आपकी सभी समस्याओं का समाधान होता है. आपमें सकारात्मकता (Positivity) और आत्मविश्वास (Confidence) उत्पन्न होता है.  यदि आपकी कुंडली में सू्र्य की स्थिति कमजोर (Surya Dosh In Kundali) है तो शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य देव को नियमित रूप से जल देने से सूर्य की दशा सही होती है. लेकिन सूर्य देव को जल चढ़ाने से पहले उसके तरीकों के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है. 


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सूर्य अर्घ्य के नियम: 


- सूर्य देव को प्रत्येक सुबह के 8 बजे तक अर्घ्य जरूर दे दें. इसके बाद अर्घ्य देने से विशेष परिणाम नहीं प्राप्त होते हैं, सूर्य देव को नियमित रूप से जल देने से आपको कभी धन की समस्या नहीं होगी. 


- रविवार के दिन सूर्यदेव को लाल रंग के वस्त्र पहन कर जल अर्पित करें, अर्घ्य देते समय जल में लाल फूल या चावल जरूर शामिल करें, रोज सुबह जल अर्पित करने से आप में आत्मविश्वास उत्पन्न होगा. 


- यदि आप या आपके घर में कोई व्यक्ति बीमार रहता है तो प्रात: स्नानादि करके सूर्यदेव को अर्घ्य दें. और अर्घ्य देते समय ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं सूर्य देवाय  नमः मंत्र का जाप करें. इससे आपकी सभी शारीरिक समस्याएं दूर हो जाएंगी. 


- ध्यान रखें सू्र्य देवता को अर्घ्य देते समय जल पैरों में न पड़े, इसलिए आप किसी बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं. और जल को किसी पौधे या गमले में डाल दें. इससे किसी भी तरह का कोई अपमान नहीं होगा. 


- यदि आपको सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं तो पूरब दिशा की ओर मुख करके और सूर्य देव का नाम लेते हुए उन्हें अर्घ्य दे सकते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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