Vastu Tips for Lord Ganesha Statue: किसी भी तरह के पूजा-पाठ, धार्मिक या मंगल कार्यों में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा की जाती है. उनकी पूजा करने से हर कार्य पूरे होते हैं और किसी भी तरह की बाधा नहीं आती है. वह हर तरह के कष्टों को हर लेते हैं, इसलिए उनको विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. वह सुख-समृद्धि और रिद्धि-सिद्धि के भी दाता हैं. ऐसे में लोग अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर, उनकी पूजा करते हैं. हालांकि, वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते समय सही दिशा और उचित जगह का ज्ञान होना बेहद आवश्यक है.


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मोदक और चूहे के साथ प्रतिमा


चूहे को भगवान गणेश का वाहन माना जाता है. वहीं, उनको मोदक भी बेहद पसंद हैं. वास्तु के अनुसार, ऐसे में अगर बाजार से गणपित बप्पा की मूर्ति खरीदकर ला रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उनकी सूंड बांई तरफ घूमी हुई हो और उनके हाथ में लड्डू या मोदक हो. इसके साथ ही प्रतिमा के साथ में चूहे की भी प्रतिमा हो.


सफेद प्रतिमा


घर में अक्सर लड़ाई-झगड़े और कलह की स्थिति बने रहती है तो गणेश जी की सफेद प्रतिमा स्थापित करें. इससे घर में सुख-समृद्धि बने रहती है. वहीं, बप्पा की प्रतिमा घर के ईशान कोण, केंद्र और पूर्व दिशा में लगाने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं.


मुख्य द्वार


भगवान गणेश की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर लगाने से पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है. हालांकि, इस दौरान इस बात पर जरूर ध्यान दें कि बप्पा की प्रतिमा का मुंह घर से बाहर देखते हुए नहीं होना चाहिए. भगवान गणेश की प्रतिमा का मुंह दक्षिण दिशा की तरफ न होना भी अशुभ माना जाता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)