नई दिल्ली भारतीय रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के 44 सेट तैयार करने के लिए शुक्रवार को टेंडर खोला. जिसमें कुल 6 कंपनियों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है.इसमें चीनी सरकार के स्वामित्व वाली सीआरआरसी कॉरपोरेशन कंपनी भी शामिल है. यह इसमें हिस्‍सा लेने वाली इकलौती विदेशी कंपनी है. भारतीय रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के 44 सेट तैयार करने का लक्ष्य 2023 तक रखा है.


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इन कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
वंदे भारत ट्रेन सेट टेंडर के लिए सरकारी कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत इंडस्ट्रीज, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड, CRRC Pioneer इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और पावरनेटिक्स इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आवेदन किया है.


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चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी
गुरुग्राम की CRRC Pioneer इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड भी बोली लगाने वाली कंपनी है. यह चीन की सरकार के स्वामित्व वाली सीआरआरसी कॉरपोरेशन लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है. 


अधिकारियों ने जानकारी दी कि पिछले साल पेश पहली ट्रेन-18 पर 100 करोड़ रुपये व्यय किए गए जिसमें से 35 करोड़ रुपये सिर्फ प्रणोदन प्रणाली पर खर्च हुए. मौजूदा निविदा इस तरह की 44 किट के लिए है जिसका मूल्य करीब 1,500 करोड़ रुपये है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, 'हमें ट्रेन सेट के लिए छह कंपनियों की ओर से बोलियां मिली हैं.'


यह टेंडर भारतीय रेल की चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) ने पिछले साल 22 दिसंबर को जारी किए थे. इसे शुक्रवार को खोला गया. इन ट्रेनों के लिए यह इस तरह की तीसरी निविदा है. यह निविदा ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत ट्रेन-18 के विभिन्न उपकरण, कोच इत्यादि की खरीद के लिए निकाली गई है.


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