India Vs China Relation: कोविड के बाद जहां बड़े-बड़े देशों की आर्थिक हालात बिगड़ गई, वहीं भारत की तरक्की फुल स्पीड से भागती रही. भारत की अर्थव्यवस्था विकास की गाड़ी पर सवार है. देश की इकोनॉमी ग्रोथ कर रही है. विदेशी कंपनियों का भरोसा भारत पर बढ़ रहा है. देश में निवेश को लेकर सकारात्मक माहौल का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. एक तरफ भारत तरक्की की राह पर है तो वहीं चीन सहित दुनिया के कई देश आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहे हैं.
भारत ने चीन को पछाड़ा
भारत के विकास और जीडीपी ग्रोथ के दम पर भारत ने एमएससीआई के निवेश योग्य लार्ज, मिड, और स्मॉल कैप इंडेक्स (MSCI ACWI IMI) में चीन को पछाड़कर 6वां स्थान हासिल कर लिया है. मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एमएससीआई निवेश योग्य लार्ज-, मिड- और स्मॉल-कैप सूचकांक में भारत का वेटेज 2.35 फीसदी बढ़ गया है. वहीं चीन का वेटेज 2.24 फीसदी है. इस रेस में भारत ने चीन को पीछे छोड़कर दुनिया के छठे सबसे इमर्जिंग मार्केट का खिताब हासिल किया है.
चीन की स्थिति क्या
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. भारत एमएससीआई ऑल कंट्री वर्ल्ड इन्वेस्टेबल मार्केट इंडेक्स में चीन को पछाड़कर दुनिया का छठा सबसे बड़ा बाजार बन कर उभरा है. इस ग्लोबल इंडेक्स में दुनियाभर के पूंजीगत बाजारों के प्रदर्शन को ट्रैक किया जाता है. इसमें लार्जकैप के साथ मिडकैप शेयरों को भी शामिल किया जाता है. एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई इंडेक्स में भारत का वेटेज अगस्त में 2.35 प्रतिशत था, जो कि चीन के वेटेज 2.24 प्रतिशत से 11 आधार अंक ज्यादा है.
भारत की हिस्सेदारी दोगुनी
चीन की हिस्सेदारी इस इंडेक्स में 2021 के उच्चतम स्तर से करीब आधी हो गई है. वहीं, भारत की हिस्सेदारी इस दौरान दोगुनी हो गई है. भारत का वेटेज इस इंडेक्स में फ्रांस से बेहद मामूली अंतर 3 आधार अंक से ज्यादा है. इस महीने की शुरुआत में भारत एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट (ईएम) आईएमआई इंडेक्स में चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का वेटेज सबसे अधिक हो गया था. मौजूदा समय में भारत एमएससीआई ईएम आईएमआई इंडेक्स में सबसे बड़ा उभरता हुआ बाजार है.