Income Tax: 4 करोड़ टैक्स पेयर्स ने भरा ITR, 66 प्रतिशत ने न्यू टैक्स रिजीम को क्यों चुना?
Income Tax Update: पिछले साल 31 जुलाई तक करीब साढ़े सात करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया था. इस बार यह आंकड़ा 22 जुलाई तक 4 करोड़ पर पहुंच गया है. इनमें से भी 66 प्रतिशत ने न्यू टैक्स रिजीम को ऑप्ट किया है.
ITR Filing: अगर आपने अभी तक भी आईटीआर फाइल (ITR Filing) नहीं किया है तो इस खबर से आपका अपडेट होना जरूरी है. सीबीडीटी (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि चालू सत्र में अबतक फाइल किये गए कुल आईटीआर (ITR) में से 66 प्रतिशत से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने न्यू इनकम टैक्स रिजीम को चुना है. 22 जुलाई तक कुल चार करोड़ रिटर्न दाखिल किये जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार और डायरेक्ट टैक्स डिपार्टमेाट का ध्यान आयकर विभाग के साथ आईटीआर दाखिल करने और अन्य कारोबार करने सहित टैक्स प्रोसेस के ‘सरलीकरण’ पर है.
तीन दिन पहले ही पार किया आंकड़ा
अग्रवाल ने कहा, '(सरकार का) विचार यह है कि जितना अधिक आप सरलीकरण करेंगे, उतना ही लोगों के लिए नियमों का पालन करना आसान हो जाएगा, जिससे इसमें इजाफा होगा.' उन्होंने कहा, 'यह इस फैक्ट से भी दिखता है कि 22 जुलाई तक दाखिल किए गए रिटर्न (ITR) की संख्या पिछले साल इसी समय के दौरान दाखिल किए गए रिटर्न के मुकाबले काफी ज्यादा है.' उन्होंने कहा कि पिछले साल चार करोड़ आईटीआर का आंकड़ा 25 जुलाई को पार हो गया था, लेकिन इस बार यह संख्या 22 जुलाई को ही पार कर गया.
66 प्रतिशत आयकर रिटर्न न्यू रिजीम के तहत
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम के प्रति ‘पर्याप्त आकर्षण’ है और अब तक दाखिल करीब 66 प्रतिशत आयकर रिटर्न (ITR) न्यू रिजीम के तहत हैं. 'उम्मीद है कि आगे चलकर हमें न्यू टैक्स रिजीम के तहत ज्यादा फायदा मिलेगा.' उन्होंने बताया कि पिछले साल 31 जुलाई की अंतिम तिथि तक करीब 7.5 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए थे. आपको बता दें 23 जुलाई को पेश किये बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब को लेकर बदलाव किया था.
स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर डेढ़ गुना किया
इसके अलावा वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम ऑप्ट करने वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट भी 50000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये कर दी है. बदलाव के बाद न्यू टैक्स रिजीम के तहत 3 लाख तक की आमदनी पर जीरो टैक्स होगा. 3 से 7 लाख की इनकम पर 5 प्रतिशत का टैक्स होगा. 7 से 10 लाख की आमदनी पर 10 प्रतिशत का टैक्स देना जरूरी है. 10 से 12 लाख की आमदनी पर 15 प्रतिशत का और 12 से 15 लाख की आमदनी पर 20 प्रतिशत का टैक्स लगेगा. 15 लाख से ज्यादा की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा. (इनपुट भाषा से भी)