2000 Note latest news: आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए लगातार अच्छी खबरें आ रही हैं. एक ओर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ये बताया है कि चालू वित्तीय वर्ष में जीडीपी (GDP) ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहने का अनुमान बरकरार है. हालांकि, ये अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के इस साल अप्रैल में जताए गए 5.9 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान से कहीं ज्यादा है. वहीं रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है. वहीं दूसरी ओर दो हजार के नोटों की जमाखोरी से इकॉनमी पर मंडरा रहे संभावित खतरे को रोकने के मोर्चे पर भी अच्छी खबर आई है.


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वापस लौटे 2000 के 72% नोट


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के निर्णय के एक महीने के भीतर कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये में से दो तिहाई से ज्यादा (2.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक) नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.


एक महीने में बड़ी उपलब्धि


केंद्रीय बैंक ने 19 मई को अचानक से 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय किया था. लोगों से बैंक जाकर 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा करने या दूसरे मूल्य के नोट से बदलने को कहा गया है. मूल्य के हिसाब से मार्च 2023 में कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट 2,000 रुपये के थे.


दास ने कहा, ‘चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के निर्णय के बाद कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये में से दो तिहाई से ज्यादा यानी 2.41 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बैंकों में वापस आ चुके हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि मोटे तौर पर 2000 के लगभग 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा के रूप में आये हैं.


इससे पहले, आठ जून को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद में दास ने कहा था कि 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस आ गये हैं. यह चलन में मौजूदा 2,000 रुपये के कुल नोट का लगभग 50 प्रतिशत था. इसमें मोटे तौर पर 85 प्रतिशत बैंक शाखाओं में जमा हुए हैं जबकि अन्य को दूसरे मूल्य के नोट से बदला गया.


'इकॉनमी पर कोई प्रतिकूल असर नहीं'


दो हजार रुपये के नोट वापस लेने के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं आपको स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अभी जो 2,000 रुपये का नोट वापस लिये जा रहे हैं, उसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.’ गौरतलब है कि SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक का 2000 रुपये के नोट चलन से वापस लेने से खपत में तेजी आ सकती है और इससे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है.


रिपोर्ट के अनुसार, ‘हम 2000 रुपये के नोट वापस लेने के प्रभावों की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद कर रहे हैं. यह हमारे उस अनुमान की पुष्टि करता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि आरबीआई के अनुमान 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है.’


इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘जब 2000 रुपये का नोट वापस लेने का फैसला किया गया, उसका आर्थिक वृद्धि से कोई संबंध नहीं था. इस फैसले का जो भी नतीजा होगा, उसका पता बाद में चलेगा लेकिन एक चीज मैं आपको स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अभी जो 2000 रुपये का नोट वापस ले रहे हैं, उसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. बाकी कितना सकारात्मक परिणाम आता है, वह आगे पता चलेगा.’


(इनपुट: भाषा)