नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग लागू होने का इंतजार है. 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांग को मानते हुए बढ़ी हुई सैलरी का तोहफा देगी. लेकिन, सरकार सैलरी कितनी बढ़ाएगी? क्या केंद्रीय कर्मचारियों की मांग पूरी होगी? सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा उनकी सैलरी बढ़ेगी? और फिटमेंट फैक्टर में कितना इजाफा होगा? इन तमाम सवालों के बीच केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. मोदी सरकार कर्मचारियों की मांग को स्वीकारते हुए 8000 रुपए की सैलरी हाइक का तोहफा दे सकती है. सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 के बजाए 26000 रुपए करने पर राजी हो सकती है. 


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बंद कमरे में हुआ फैसला?
पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में चल रही खबर की मानें तो सरकार 15 अगस्त को केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का फायदा देगी. लेकिन, अब यह चर्चा हकीकत में बदलती नजर आ रही है. जी न्यूज डि़जिटल को सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार की बंद कमरे में इस विषय पर चर्चा हुई है. सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांग को मानकर उनकी सैलरी में 8000 रुपए का इजाफा करने पर सहमत हो सकती है. हालांकि, सातवें वेतन आयोग ने न्यूनतम सैलरी 18000 रुपए करने की सिफारिश की थी. लेकिन, सरकार उनकी मांग के अनुसार 26000 रुपए सैलरी का ऐलान कर सकती है. 


15 अगस्त पर हो सकता है ऐलान!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार कर्मचारियों को खुश करने के लिए 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर सैलरी में इजाफे की घोषणा कर सकती है. दरअसल, अगले साल चुनाव होने हैं, इससे पहले सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को खुश करना चाहती है. केंद्रीय कर्मचारी लगातार 18000 के मुकाबले 26000 रुपए तक सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, फिटमेंट फैक्टर में भी इजाफे की मांग की जा रही है. 



क्यों सैलरी बढ़ा सकती है सरकार?
सूत्रों के अनुसार, चुनाव के ध्यान में रखते हुए सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा करने पर सहमत हो सकती है. दरअसल, सरकार जानती है कि वर्तमान न्यूनतम वेतन कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा. यही वजह है कि सरकार कर्मचारियों की मांग को मानते हुए न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करेगी. 


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क्या है कर्मचारियों की मांग और क्या मिलेगा?
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को देखें तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए तय किया जा सकता है. लेकिन, कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 8000 रुपए ज्यादा यानी 26000 रुपए दिया जाए. वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 24000 रुपए करने पर विचार कर रही है. इस हिसाब से 6000 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है. लेकिन, दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि सरकार कर्मचारियों की मांग को मानते हुए उनके एरियर में कटौती कर सकती है.


मांग मानने की क्या है वजह?
कर्मचारियों को इस बार उम्मीद है कि सरकार 2019 के चुनाव को देखते हुए कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगी, जिससे उसे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के गुस्से का पात्र बनना पड़े. हालांकि, सरकार हमेशा से कर्मचारियों के पक्ष में फैसले लेती रही है. लेकिन, महंगाई के खतरे और दूसरे मुद्दों को देखते हुए यह संभावना है कि सरकार कर्मचारियों को चुनाव से पहले तोहफा दे. एक रिटयर्ड सरकारी अधिकारी के मुताबिक, मोदी सरकार कोई ऐसा फैसला नहीं लेगी, जिससे उसे नुकसान हो.