Adani Group News: अडानी ग्रुप (Adani Group) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब OCCRP की तरफ से रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप पर शेयरों में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं. हालांकि अडानी ग्रुप ने इनका खंडन किया है. ‘ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (OCCRP) की तरफ से अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट जारी की गई है, जिसके बाद में कंपनी के शेयरों में फिर से हलचल मच गई है. आज अडानी ग्रुप (Adani Group) के निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है. 


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अडानी ग्रीन 4.43 प्रतिशत फिसला
बीएसई पर अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) का शेयर 4.43 प्रतिशत गिरकर 927.65 रुपये पर आ गया है और इसका मार्केट कैप 1.47 लाख करोड़ रुपये है. 


इन कंपनियों के भी फिसले शेयर्स
अडानी पावर का शेयर 3.82 प्रतिशत गिरकर 315.85 रुपये पर आ गया. अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 3.56 प्रतिशत गिरकर 2,424 रुपये पर और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 3.18 प्रतिशत गिरकर 814.95 रुपये पर आ गया.


इन शेयरों में आई 2 से 3 प्रतिशत तक की गिरावट
बीएसई पर अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन 2.75 प्रतिशत गिरकर 796.50 रुपये पर, अडानी टोटल गैस 2.74 प्रतिशत गिरकर 634.60 रुपये पर, NDTV 2.69 प्रतिशत गिरकर 213.30 रुपये पर और अडानी विल्मर 1.83 प्रतिशत गिरकर 362.20 रुपये प्रति शेयर पर आ गया. एसीसी के शेयर 3.15 प्रतिशत गिरकर 1,937.10 रुपये पर और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 2.84 प्रतिशत गिरकर 431.60 रुपये पर आ गए.


इस साल में दूसरी बार लगे आरोप
जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा वित्त पोषित संगठन ने ऐसे समय में आरोप लगाए हैं, जब कुछ महीने पहले अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी तथा शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था. इन आरोपों के बाद समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी.


अडानी परिवार के साथ है संबध
ओसीसीआरपी ने दावा किया कि नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग नामक दो लोगों के अडानी परिवार के साथ लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं और उन्होंने गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडानी से जुड़ी समूह कंपनियों आदि में निदेशक तथा शेयरधारक के रूप में भी काम किया है.


ग्रुप ने कमाया काफी मुनाफा
ओसीसीआरपी ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने विदेशी इकाइयों के जरिए कई वर्षों तक अडानी के शेयर खरीदे व बेचे और इससे काफी मुनाफा कमाया. उनकी भागीदारी अस्पष्ट है. उसने आरोप लगाया कि दस्तावेजों से पता चलता है कि उनके निवेश की प्रभारी प्रबंधन कंपनी ने गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी की कंपनी को उनके निवेश में सलाह देने के लिए भुगतान किया था.


पुराने आरोपों को अलग तरीके से किया पेश
अडानी समूह ने एक बयान में स्पष्ट रूप से इनका खंडन करते हुए कहा कि इसमें पुराने आरोपों को अलग तरीके से दोबारा पेश किया गया.


ग्रुप ने जारी किया बयान
समूह ने इसे बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों का एक प्रयास घोषित किया. बयान में कहा गया है कि ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी. एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे.


हाई कोर्ट में हुआ था फैसला
समूह ने कहा है कि मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया. स्पष्ट रूप से, चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था, इसलिए धन के हस्तांतरण को लेकर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है.


इनपुट - भाषा एजेंसी