Pakistan Crisis: पाक‍िस्‍तान के बुरे द‍िन खत्‍म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. प‍िछले द‍िनों पाक‍िस्‍तान के कुछ शहरों में आटे के ल‍िए मारा-मारी मचने के बाद अब दूसरा संकट दरवाजे पर दस्‍तक दे रहा है. पेट्रोलियम डिवीजन ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) को चेतावनी दी है कि पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट के भंडार सूख सकते हैं क्योंकि बैंक आयात के लिए लेटर्स ऑफ क्रेडिट (LC) खोलने और पुष्टि करने से इनकार कर रहे हैं. एक रिपोर्टे के अनुसार, अन्य क्षेत्रों की तरह, पाकिस्तान में तेल उद्योग को अमेरिकी डॉलर की कमी और एसबीपी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण एलसी खोलने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.


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एक तेल कार्गो को पहले ही रद्द क‍िया गया
पाकिस्तान स्टेट ऑयल (PSO) के एक तेल कार्गो को पहले ही रद्द कर दिया गया है, जबकि 23 जनवरी को लोड होने वाले दूसरे कार्गो के लिए एलसी की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. एसबीपी (SBP) गवर्नर को लिखे पत्र में पेट्रोलियम डिवीजन ने एलसी स्थापित करने में तेल रिफाइनरियों और मार्केट‍िंग कंपनियों के सामने आने वाली कठिनाइयों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया.


दो कार्गो आयात करने की योजना बनाई
सूत्रों के अनुसार पाक अरब रिफाइनरी लिमिटेड ने 535,000 बैरल प्रत्येक के कच्चे तेल के दो कार्गो आयात करने की योजना बनाई है, लेकिन बैंक एलसी खोलने और पुष्टि करने के इच्छुक नहीं हैं. र‍िपोर्ट में बताया गया क‍ि पाकिस्तान रिफाइनरी लिमिटेड (PRL) के लिए 532,000 बैरल का एक कच्चा तेल कार्गो 30 जनवरी को लोडिंग के लिए निर्धारित है. इसके एलसी की अब तक पुष्टि नहीं हुई है और इसे राज्य के स्वामित्व वाले बैंक के साथ बातचीत की जा रही है.


पीएसओ के दो पेट्रोल कार्गो, जो लाइन में हैं, स्थानीय बैंकों द्वारा एलसी की पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, अन्य तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) जैसे जीओ, बी एनर्जी, एटोक पेट्रोलियम, हेसकोल पेट्रोलियम और अन्य द्वारा बुक किए गए पेट्रोल के 18 कार्गो को भी एलसी खोलने और पुष्टि करने की आवश्यकता होती है. स्थिति से निपटने के लिए जनवरी के दूसरे सप्ताह से कई बैठकें हो चुकी हैं.


रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह का पहला हडल 13 जनवरी को आयोजित किया गया था जिसमें कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात के लिए ओएमसी और रिफाइनरियों के पक्ष में एलसी खोलने से बैंकों के इनकार को उजागर किया गया था. (Input : IANS)


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