Israel threat to Hezbollah: 8 अक्टूबर 2024 को इजरायल ने लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और हवाई हमले शुरू कर दिए. जिसमें हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया. इसके साथ ही कई ईरानी अधिकारी भी मारे गए थे.
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Israel threat to Hezbollah: इजराइल और हमास के बीच पिछले सवा सालों से चल रही लड़ाई अब खत्म हो सकती है और गाजा में युद्धविराम की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल और हमास के बीच करीब 90 फीसद तक सहमति बन चुकी है, लेकिन कुछ मुद्दों पर अभी भी टकराव जारी हैं. वहीं, लेबनान में अमेरिकी मध्यस्थता के चलते इजराइली सेना और हिजबुल्लाह के बीच 60 दिन का युद्ध विराम लागू है.
सांप के कुचल देंगे सिर- इजरायली रक्षा मंत्री
युद्ध विराम की शुरुआत में कुछ छिटपुट हमलों की खबरें आई थीं, लेकिन फिलहाल लेबनान में लोगों की जिंदगी पटरी पर लौट रही है. इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री कैट्ज ने हिजबुल्लाह को धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अगर हिजबुल्लाह को ज्यादा घमंड हो गया है, तो हमने अभी तक सांप के दांत निकाले हैं, हम उसका सिर कुचल देंगे.
दरअसल, रक्षा मंत्री कैट्ज लेबनान में मौजूद इजरायली सैन्य अड्डा के दौरे पर गए थे. जहां उन्होंने हिजबुल्लाह को धमकी देते हुए कहा कि अभी हमने सांप के दांत निकाले हैं और अगर हिजबुल्लाह लिटानी नदी से आगे आकर सीजफायर का उल्लंघन करने की कोशिश करता है तो हम उसका सिर कुचल देंगे. दक्षिण लेबनान में हिजबुल्लाह को फिर से बसने नहीं देंगे."
हिजबुल्लाह को दी धमकी
उन्होंने आगे कहा, "हम हिजबुल्लाह आतंकवादियों को दक्षिणी गांवों में वापस लौटने और आतंकवादी बुनियादी ढांचे को फिर से स्थापित करने की इजाजत नहीं देंगे. हिजबुल्लाह की ऐसी कार्रवाई हमारे उत्तरी समुदायों के लिए खतरा पैदा करेगी. हम खतरे को खत्म करने और सुरक्षा की बहाली सुनिश्चित करेंगे, ताकि उत्तर के निवासी सुरक्षित रूप से अपने घरों में लौट सकें."
इजरायल को हुआ था भारी नुकसान
गौरतलब है कि 8 अक्टूबर 2024 को इजरायल ने लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और हवाई हमले शुरू कर दिए. जिसमें हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया. इसके साथ ही कई ईरानी अधिकारी भी मारे गए. इस हमले के बाद भी इजरायल नहीं रुका, उसने हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने हमले जारी रखे. दोनों तरफ से जारी युद्ध में लेबनान के साथ-साथ इजरायल को भी भारी कीमत चुकानी पड़ी. कई इजरायली सैन्य कमांडर मारे गए. जबकि सैकड़ों सैनिक मारे गए.