Government Scheme: सरकारी कर्मचारियों को झटका! अब 21 दिन पहले करना होगा ये काम, सरकार करेगी खर्चे में कटौती
Indian Government: व्यय विभाग की ओर से कार्यालय पत्र जारी किया गया है. जिसमें कर्मचारियों को कुछ बातें कही गई हैं. कर्मचारियों को कहा गया है कि बेवजह टिकट रद्द करने से भी बचना चाहिए.
Government Policy: सरकार अपने गैर-जरूरी खर्चों को कम करने के लिए कदम उठाते हुए दिखाई दे रही है. इसको लेकर केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को संदेश भी पहुंचाया है. वित्त मंत्रालय ने कर्मचारियों को कहा है कि वे जिस यात्रा श्रेणी के हकदार हैं, उसमें वे सबसे सस्ता किराया चुनें. इसके साथ ही सरकार की ओर से कहा गया है कि कर्मचारी दौरों और एलटीसी के लिए अपनी हवाई यात्रा (Flight Ticket) की तारीख से कम से कम तीन हफ्ते पहले टिकट बुक करें.
बेवजह टिकट रद्द करने से बचें
दरअसल, व्यय विभाग की ओर से कार्यालय पत्र जारी किया गया है. जिसमें कर्मचारियों को कुछ बातें कही गई हैं. इस पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों को यात्रा के प्रत्येक चरण के लिए केवल एक ही टिकट बुक करना चाहिए और यात्रा कार्यक्रम को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया जारी रहने के दौरान भी बुकिंग की जा सकती है. साथ ही इस चिट्ठी में कर्मचारियों को कहा गया है कि बेवजह टिकट रद्द करने से भी बचना चाहिए.
देना होगा स्व-घोषित स्पष्टीकरण
बता दें कि सरकारी कर्मचारी सिर्फ तीन अधिकृत यात्रा एजेंटों से ही हवाई टिकट खरीद सकते हैं. इनमें बॉमर लॉरी एंड कंपनी, अशोक ट्रैवल एंड टूर्स और IRCTC शामिल हैं. वहीं कर्मचारियों को नए सरकारी खर्च पर हवाई टिकट की बुकिंग से संबंधित दिशा-निर्देश भी बताए गए हैं. इनके मुताबिक, यात्रा के 72 घंटे से भी कम समय के भीतर बुकिंग करने पर कर्मचारी को स्व-घोषित स्पष्टीकरण देना होगा. इसके अलावा यात्रा के 24 घंटे से भी कम समय में टिकट रद्द करने पर भी कर्मचारी को स्व-घोषित स्पष्टीकरण देना पड़ेगा.
21 दिन पहले करें टिकट बुक
सरकार की ओर से जारी चिट्ठी में कहा गया है कि कर्मचारियों को अपनी यात्रा श्रेणी में उपलब्ध सबसे सस्ती उड़ान की टिकट चुननी चाहिए. साथ ही किसी भी एक यात्रा के लिए सभी कर्मचारियों के टिकट एक ही यात्रा एजेंट के जरिए बुक करने चाहिए. वहीं इन बुकिंग एजेंट को किसी तरह का शुल्क का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही कर्मचारियों को कम से कम 21 दिन पहले टिकट बुक करने के लिए भी कहा गया है ताकि सरकारी खजाने पर कम से कम भार पड़े.
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