US Federal Reserve: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दरों का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही फेडरल रिजर्व ने लगातार दूसरी बार किसी भी तरह का बदलाव ब्याज दर में नहीं किया है. ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब अमेरिकी इकॉनोमी स्थिर नहीं है और नौकरियों के मामले में भी ग्रोथ नहीं दिख रही है. इसके अलावा महंगाई से भी लोग परेशान हैं. साथ ही अब इस ऐलान के बाद शेयर बाजार पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...


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ब्याज दर को रखा बरकरार


अमेरिका में महंगाई दर फेडरल रिजर्व के टारगेट से 2% ज्यादा है. इसके बावजूद ब्याज दरों को 5.2 फीसदी से 5.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. जुलाई महीने से ही यह ब्याज बनी हुई है. हालांकि यह अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था कि फेडरल रिजर्व इस बार भी ब्याज दर को बरकरार रख सकता है.


रोजगार के स्तर पर कमजोरी


हालांकि इससे पहले लगातार 11 बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया था. इसमें साल 2023 में चार बार ब्याज दरें बढ़ाई गई थी. वहीं इस बार फेडरल रिजर्व ने बॉन्ड यील्ड के ऊंचे स्तर पर बने रहने के कारण चिंता जाहिर की है. साथ ही कहा है कि इस आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. हालांकि रोजगार के स्तर पर कमजोरी देखने को मिल रही है.


जीडीपी


फेडरल रिजर्व के मुताबिक सितंबर तिमाही में अमेरिका की GDP में 4.9% की ग्रोथ देखी गई है. यह उम्मीद से बढ़िया है. वहीं अमेरिका में महंगाई दर 3.7 फीसदी पर है. हालांकि फेड ने यह संकेत दिए हैं कि आने वाले वक्त में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं. इससे शेयर बाजार पर भी असर देखने को मिल सकता है और चिंता गहरा सकती है. फिलहाल फेड का कहना है कि ब्याज दरों में कमी लाने का कोई प्लान नहीं है.