Anil Ambani Reliance Capital: कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कर्ज में डूबी उनकी कंपनी को खरीदने वाले हिंदुजा समूह के भी पसीने छूट रहे हैं. जिस अधिग्रहण को मंजूरी मिले इतना वक्त मिल गया, वो अब तक पूरी नहीं हो सकी है. अनिल अंबानी की  ₹9850 करोड़ की डील फिर से अधर में अटक गई है. कंपनी को खरीदने वाली हिंदुजा समूह ने एक बार फिर से मोहलत की गुहार लगाई है. कंपनी की ओर से एक बार से डील को पूरा करने के लिए 10 अगस्त तक का वक्त मांगा गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिंदुजा ग्रुप ने मांगी मोहलत  


अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बैंकों ने रिलायंस कैपिटल खरीदने के लिए सस्ते दरों पर लोन देने से इंकार कर दिया. पैसों का इंतजाम कर रही कंपनी को इसे खरीदने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हिंदुजा ग्रुप ने एनसीएलटी में आवेदन देकर लेंडर्स को अंतिम भुगतान करने के लिए और समय मांगा है. समूह ने अब एनसीएलटी से 10 अगस्त तक का वक्त मांगा है. बता दें कि हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (IIHL) ने अक्टूबर 2023 में रिलायंस कैपिटल के लिए ,850 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी. कंपनी को रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए सभी जरुरी मंजूरियां भी मिल गई. रिजर्व बैंक ने इस अधिग्रहण को पूरा करने के लिए 27 मई 2024 तक का वक्त दिया, लेकिन हिंदुजा समूह इस डेडलाइन के भीतर भुगतान नहीं कर सकी.   


2750 करोड़ भुगतान करने को तैयार है हिंदुजा समूह 


हिंदुजा समूह की कंपुी IIHL ने एनसीएलटी की मुंबई शाखा के सामने आनेदन दिया, जिसमें उसने कहा कि वो लीडर्स को 2750 करोड़ रुपये का प्रारंभिक कैपिटल भुगतान करने को तैयार है. हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब कंपनी की ओर से मोहलत मांगी गई हो. इससे पहले भी पैसों के इंतजाम को लेकर संघर्ष कर रही IIHL ने एनसीएलटी से वक्त मांगा था. बता दें कि रिलायंस कैपिटल के लेंडर्स ने बार-बार डेडलाइन बढ़ाए जाने की मांग पर आरोप लगाया था कि आईआईएचएल द्वारा आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने में विफलता का खामियाजा कॉरपोरेट देनदार और उसके वित्तीय लेनदारों को नहीं उठाना चाहिए. 


बैंकों ने नहीं मिल रहा लोन 


बता दें कि हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्‍स यानी IIHL ने सबसे बड़ी बोली लगा तो ली, लेकिन उसे सस्ता लोन नहीं मिल पा रहा है, बैंकों ने लोन देने से मना कर दिया, जिसकी वजह से इस डील को पूरा करने में वक्त लग रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुजा ग्रुप अब बॉन्ड जारी करके लगभग 7,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है.  


अनिल अंबानी की कंपनी पर कितना कर्ज  


दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल के लिए NCLT ने बोली मंगवाई थी. हिंदुजा समूह ने 9650 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाकर रिलायंस कैपिटल को अपने नाम कर लिया. संपत्ति ट्रांसफर होने के बाद अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल हिंदुजा समूह की हो जाएगी. बता दें कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल भारी कर्ज में डूबी हुई है. कंपनी पर 40 हजार करोड़ का कर्ज है.  रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं, जिसमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है.