Reliance Capital’s Insolvency: अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) के अधिग्रहण के लिए सिर्फ 4 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. इनमें कंपनियां- इंडसइंड बैंक, अमेरिकी संपत्ति प्रबंधन कंपनी ऑकट्री कैपिटल, टॉरेंट ग्रुप और बी-राइट ग्रुप हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इन कंपनियों ने इसके लिए बोलियां भी जमा कर दी है. सूत्रों के अनुसार, आठ अलग-अलग क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी के लिए ये बोलियां 4,000 करोड़ रुपये के दायरे में हैं.


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पहले भी बढ़ी थी डेडलाइन


आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल के लिए बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि 29 अगस्त को समाप्त हो गई थी. लेकिन इस समयसीमा को पहले भी पांच बार बढ़ाया गया था. रिलायंस कैपिटल के लिए शुरुआत में 54 कंपनियों ने रुचि दिखाई थी लेकिन दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत अब तक सिर्फ चार फर्म ने बोलियां जमा की हैं. यानी इस दिवालिया हो रही कंपनी में लोगों कि दिलचस्पी भी नहीं दिख रही है.


पेश किए गए दो विकल्प 


बोलीदाताओं को दो विकल्प पेश किये गए थे. पहले विकल्प में बोलीदाताओं को समूची आरसीएल के लिए बोलियां जमा करने की आवश्यकता थी, जबकि दूसरे के तहत वे कंपनी के विशेष कार्यक्षेत्रों के लिए बोली लगा सकते थे. सूत्रों ने बताया कि पीरामल ग्रुप, ज्यूरिख रे और अमेरिकी के निजी इक्विटी कोष एडवेंट ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के कारोबार के लिए बोली लगाई है. वहीं, रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस कारोबार के लिए कोई बोली नहीं मिली है. इसके अलावा जिंदल स्टील एंड पावर और यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने रिलायंस कैपिटल के संपत्ति पुनर्गठन कारोबार के लिए बोलियां जमा की हैं.