Anil Ambani Reliance Capital: एशिया के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं.  उनकी कंपनी पर भारी भरकम कर्ज है. कर्ज में डूबी कंपनियों को बेचने का रास्ता खोजा जा रहा है. एक तरफ जहां मुकेश अंबानी एक के बाद एक कंपनियां खरीद रहे हैं तो वहीं भारी कर्ज के बोझ तले डूबे अनिल अंबानी के हाथ से कंपनियां निकल रही हैं. जल्द ही अनिल अंबानी के हाथों से तीन कंपनियां निकल सकती है. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) की ओर से उन्हें जल्द हरी झंडी मिल सकती है. 


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एक साथ तीन कंपनियां चली जाएंगी हाथ से  


इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हिंदूजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) को रिलायंस कैपिटल की तीन बीमा कंपनियों को खरीदने के लिए मंजूरी मिल सकती है. माना जा रहा है कि इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी आईआरडीएआई जल्द ही उन्हें हरी झंडी दे सकती है.  रेगुलेटर की सहमति मिलते ही अनिल अंबानी के हाथों से तीन कंपनियां निकल जाएंगी. 


अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल बैंकरप्सी प्रॉसीडिंग से गुजर रही है. दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल इस गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है.  प्रक्रिया को पूरी होने में हो रही देरी पर बीते हफ्ते कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड के 27 मई की डेडलाइन तक इसे पूरा करने को कहा था.  इस डील को पूरा करने के लिए कंपनी को  IRDAI की मंजूरी का इंतजार है. माना जा रहा है कि जल्द ही ये मंजूरी मिल जाएगी.   


27 मई की डेडलाइन  


नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की ओर से मिली मंजूरी के बाद  IIHL रिलायंस कैपिटल को खरीदने जा रही है.  9650 करोड़ रुपये में रिलायंस कैपिटल को वो खरीदेगी. इसके लिए एनसीएलटी ने 27 फरवरी को मंजूरी दी थी, जिसके 90 दिनों के भीतर इसे पूरा करना है. इस सौदे को लेकर रेगुलेटर IRDAI की ओर से कुछ आपत्तियां जताई गई. आईआरडीएआई ने IIHL के डाइवर्स शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर पर सवाल उठाया. रेगुलेटर ने इस संबंध में शेयरधारकों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. कंपनी की ओर से सभी सवालों और मांगी गई जानकारी रेगुलेटर को सौंप दी गई है. अब उम्मीद है कि जल्द ही उसे आईआरडीएआई की ओर से मंजूरी मिल जाएगी.


27 मई है बेहद खास,  9650 करोड़ रुपये का भुगतान


बता दें कि इस डील के मुताबिक रिलायंस कैपिटल की रिलायंस जनरल और रिलायंस हेल्थ में 100% हिस्सेदारी और रिलायंस निप्पॉन लाइफ में 51% हिस्सेदारी कंपनी IIHL को बेचेगी.  इसके लिए बीते साल आईआईएचएल ने 9650 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी. अब इसके लिए कंपनी को 27 मई तक भुगतान करना है.  रिलायंस कैपिटल के कारोबार को IIHL को ट्रांसफर करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से भी मंजूरी मिल गई थी, जो कि 17 मई को समाप्त हो रही है.  RBI ने यह मंजूरी 17 नवंबर को दी थी, जो केवल छह महीने के लिए वैध थी, अगर डेडलाइन पूरा होने तक ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है तो फिर से आरबीआई के पास मंजूरी के लिए आवेदन करना होगा.  


कंपनी पर कितना कर्ज 
 आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को भुगतान में चूक और गवर्नेंस संबंधी खामियों के चलते रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था. सितंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल की ओर से शेयरधारकों को बताया गया था कि  कंपनी पर 40000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है.