Anil ambani Reliance Power: उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. खुशियां खोड़ी देर ठहरती नहीं है कि नई मुश्किलें दस्तक देने लगती है. हाल ही में कर्ज मुक्त हुई रिलायंस पावर के साथ तो ऐसा ही दिख रहा है. रिलायंस पावर नई मुश्किलों में फंस गई है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अनिल अंबानी की कंपनी की मुश्किल  


 सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने रिलायंस पावर की टेंशन बढ़ा दी है. SECI ने अनिल अंबानी की रिलायंस पावर को नोटिस भेजा है. कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि आखिर उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए. दरअसल रिलायंस पावर और उसकी सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस पर बड़ा आरोप लगा है. उनपर फर्जी बैंक गारंटी जाम करने का आरोप लगा है. सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की इन कंपनियों पर फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के आरोप लगाए हैं.  


टेंडर में भाग लेने से रोका  


बता दें कि फर्जी दस्तावेजो के चलते ही बीते हफ्ते  टॉप रिन्‍यूएबल एनर्जी एजेंसी सेकी ( SECI) ने पिछले हफ्ते अपनी बोलियों में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर और उसकी इकाई रिलायंस एनयू बीईएसएस को तीन साल तक टेंडर में भाग लेने से रोक दिया. अब कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की बात कही जा रही है. कंपनी को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के लिए कंपनी और उसकी इकाई के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. 


रिलायंस पावर के शेयरों की हालत पस्त  


इन खबरों का असर रिलायंस पावर के शेयरों पर दिखा. रिलायंस पावर के शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं. कर्जमुक्त होने और नए ऑर्डर मिलने के बाद जहां इस शेयर में एक बार तेजी लौटी थी, अब वो पूरी तरह उलट गया है. वहीं इस विवाद पर रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि वह ‘धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े’ की साजिश का शिकार रही है. रिलायंस पावर ने कहा, कि इस संबंध में 16 अक्टूबर, 2024 को तीसरे पक्ष के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के पास एक आपराधिक शिकायत पहले ही दर्ज करायी जा चुकी है. मामला जांच के अधीन है और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. 


क्या है नोटिस में 


नोटिस के अनुसार, रिलायंस एनयू बीईएसएस ने कथित तौर पर फर्स्ट रैंड बैंक की मनीला (फिलिपीन) शाखा की तरफ से जारी बैंक गारंटी को जमा किया. मामले की विस्तार से जांच करने पर उक्त बैंक की भारतीय शाखा ने पुष्टि की कि फिलिपीन में बैंक की ऐसी कोई शाखा नहीं है. इस आधार पर सेकी ने निष्कर्ष निकाला कि प्रस्तुत बैंक गारंटी फर्जी थी.  सेकी ने छह नवंबर को ‘फर्जी दस्तावेज’ जमा करने को लेकर रिलायंस पावर और रिलायंस एनयू बीईएसएस को सेकी की निविदाओं में भाग लेने से तीन साल के लिए प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी.