iPhone के बाद अब Apple बनाएगी घर, भारत में यहां पर बनाए जाएंगे 78000 घर... इन लोगों को मिलेगा फायदा
Apple Awas Yojana: एप्पल अब भारत में घर बनाने की तैयारी कर रही है. कंपनी भारत में करीब 78000 घर बनाने का प्लान बना रही है. अब कंपनी चीन और वियतनाम की तर्ज पर भारत में घर बनाने जा रही है.
Apple Housing Scheme: एप्पल के फोन या उसके अलग-अलग प्रोडक्ट्स के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं. एप्पल अब भारत में घर बनाने की तैयारी कर रही है. कंपनी भारत में करीब 78000 घर बनाने का प्लान बना रही है. कंपनी ने अपने मैन्युफैक्चरिंग के जरिए भारत में अबतक करीब 1.5 लाख लोगों को रोजगार दिया है. फिलहाल अब कंपनी चीन और वियतनाम की तर्ज पर भारत में घर बनाने जा रही है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, कंपनी अपने कर्मचारियों को आवासीय सुविधा देने के लिए घर बनाने की योजना बना रही है. इन मकानों की पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिक के तहत बनाया जाएगा. इस योजना के तहत 78000 यूनिट का निर्माण किया जाता है.
तमिलनाडु को होगा सबसे ज्यादा फायदा
कंपनी ने बताया है इस प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा घर तमिलनाडु में बनाए जाएंगे. वहां पर करीब 58000 मकान बनाए जाएंगे. इस समय टाटा ग्रुप और उसके साथ ही एसपीआर इंडिया भी घर बना रहे हैं.
पीपीपी मॉडल की होगी सबसे बड़ी स्कीम
एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग उस जगह पर होती है, जहां पर इंडस्ट्रियल हाउसिंग का कॉन्सेप्ट होता है. भारत में फिलहाल इसकी तैयारियां चल रही हैं. बताया जा रहा है कि पीपीपी मॉडल के तहत बनने वाले घरों का स्केल काफी व्यापक होगा. पीपीपी मॉडल पर यह भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग स्कीम मानी जा रही है.
किस तरह से तय होगी लागत?
इस स्कीम की बात की जाए तो इन घरों की कीमत 10 से 15 फीसदी लागत केंद्र सरकार की तरफ से मुहैया कराई जाएगी. इसके अलावा बाकी की लागत राज्य सरकार और कंपनियों की तरफ से उठाई जाएगी. इसके अलावा इसके निर्माण का काम प्राइवेट कंपनी को भी हैंडओवर किया जा सकता है. एप्पल के इस कदम से माइग्रेंट वर्कर्स को बड़ी मदद मिलेगी.
वर्कर में 75 फीसदी महिलाएं शामिल
भारत में एप्पल आईफोन का सबसे बड़ा सप्लायर फॉक्सकॉन है और इसको करीब 35000 मकान दिए गए हैं. इस कंपनी की फैक्ट्री की बत की जाए तो वह तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में है. इसके अलावा फॉक्सकॉन में अभी करीब 41,000 वर्कर काम कर रहे हैं, जिसमें से 75 फीसदी महिलाएं शामिल हैं.