Baba Kalyani Family Assets Controversy: भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्‍याणी (Baba Kalyani) की मुश्‍क‍िलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पार‍िवार‍िक संपत्‍त‍ि को लेकर बाबा कल्‍याणी और उनकी बहन सुगंधा हिरेमठ का व‍िवाद चल रहा है. इस व‍िवाद में अब उनके ख‍िलाफ भतीजा और भांजी भी शाम‍िल हो गए हैं. बाबा के भतीजे समीर हिरेमठ और भांजी पल्लवी स्वादी ने बाबा कल्‍याणी के ख‍िलाफ पुणे सिविल कोर्ट में मुकदमा क‍िया है. दायर क‍िये गए मुकदमे के अनुसार दोनों ने भारत फोर्ज और कल्‍याणी स्‍टील में ह‍िस्‍सा मांगने के साथ ही पारिवारिक संपत्‍त‍ि में 11 प्रत‍िशत का ह‍िस्‍सा मांगा है. मुकदमे में उनकी मां सुगंधा हिरेमठ, उनके मामा गौरीशंकर कल्याणी, उनके मामा के बच्चे शीतल कल्याणी और वीरज कल्याणी और बाबा के बेटे अमित कल्याणी को भी शामिल किया गया है.


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62,834 करोड़ रुपये की संपत्‍त‍ि पर व‍िवाद


पार‍िवार की पुश्तैनी संपत्ति की कुल कीमत के बारे में जानकारी नहीं है. इसमें पुणे, महाबलेश्‍वर और महाराष्ट्र में दूसरी जगह की जमीन शामिल है. लेकिन, कल्याणी ग्रुप की जो कंपनियां शेयर बाजार में ल‍िस्‍टेड हैं उनका कुल मार्केट कैप करीब 62,834 करोड़ रुपये है. ग्रुप की कंपनी हिकाल को लेकर सुगंधा का पहले से ही बाबा के साथ मालिकाना हक को लेकर व‍िवाद चल रहा है. हिकाल देश की जानी-मानी स्पेशलिटी केमिकल्स बनाने वाली कंपनियों में से एक है.


बाबा कल्‍याणी की कुल संपत्‍ति 4 बिलियन डॉलर
याच‍िका में समीर (50) और पल्लवी (48) का कहना है कि नीलकंठ की पत्‍नी के फरवरी 2023 में निधन के बाद, बाबा ने पहले की गई बातों और लिखाई गई चीजों को लागू करने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि आगे इस बारे में कोई बातचीत भी नहीं होगी. उन्हें इस बात का डर है कि बाबा कल्याणी परिवार के हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) की पूरी संपत्ति अपने नाम कर लेंगे और उन्हें उनका हक नहीं मिल पाएगा. बाबा कल्‍याणी (75) देश के चुन‍िंदा अरबपत‍ियों में से एक हैं. फोर्ब्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 4 बिलियन डॉलर है.


2013 में हुआ नीलकंठ कल्‍याणी का निधन
परिवार‍िक संपत्‍त‍ि की कहानी उनके परदादा अन्‍नपा कल्याणी से शुरू होती है. वो खेती के साथ व्यापार भी करते थे. उनके पास ढेर सारी चल और अचल संपत्ति थी. बाद में सह संपत्‍त‍ि उनके इकलौते बेटे नीलकंठ को विरासत में मिली. फरवरी 1954 में नीलकंठ कल्‍याणी ने पूरी संपत्ति (खरीदी और जमा की हुई) को हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के नाम कर दिया. 2011 में नीलकंठ कल्‍याणी की तबियत खराब रहने पर उनके सबसे बड़े बेटे बाबा कल्‍याणी ने एचयूएफ (HUF) का काम देखना शुरू कर दिया. 2013 में नीलकंठ कल्‍याणी का निधन हो गया.


भारत फोर्ज की शुरुआत 1966 में हुई
बाद में बाबा की देखरेख में कंपनी ने काफी तरक्की की और उनकी परिवार‍िक संपत्ति में भी इजाफा हुआ. कल्याणी ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी भारत फोर्ज की शुरुआत 1966 में नीलकंठ ने की थी. लेकिन आज यह कंपनी जिस मुकाम पर है उसके पीछे बाबा कल्‍याणी का अहम योगदान माना जाता है. भारत फोर्ज का मार्केट कैप 52,636 करोड़ रुपये है और यह एयरोस्‍पेस कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी है. मुकदमे में दावा क‍िया गया है क‍ि पूरे कारोबार को शुरू करने और निवेश करने के लिए परिवार‍िक पैसे का इस्तेमाल किया गया था. इसल‍िए ये सभी कारोबार और निवेश संयुक्त परिवार‍िक संपत्ति है. इस कारण बाबा कल्‍याणी का इस पर न तो कोई हक है और न ही रख सकते हैं.'


मुकदमे में यह भी बताया गया क‍ि 'बाबा एचयूएफ का कामकाज बहुत दबदबे और बिना किसी सहयोग के चला रहे थे, जिसकी वजह से पूरे परिवार में मतभेद हो गया. इसी कारण अलग-अलग अदालतों में कुछ मुकदमे भी दर्ज कराए गए.' 2014 में शीतल ने भी पुणे की इसी अदालत में बाबा के खिलाफ अपने पैतृक संपत्ति में हिस्सा मांगने के लिए मुकदमा दायर किया था. वह मुकदमा अदालत में व‍िचाराधीन है.