What is DHFL Scam: देश नें कई बड़े कॉरपोरेट, बैंक घोटाले हुए्. लाखों-करोड़ों रुपये बैंकर्स, बिजनेसमैन गटक गए. पीएनबी घोटाला, यस बैंक स्कैम जैसे घोटालों ने देश को हिलाकर कर रख दिया. इन्हीं में से एक घोटाला डीएचएफएल स्कैम (DHFL Scam) है.
Trending Photos
DHFL Scam Dheeraj Wadhawan Arrest: देश नें कई बड़े कॉरपोरेट, बैंकिंग घोटाले हुए. लाखों-करोड़ों रुपये धोखाधड़ी की भेंट चढ़ गए. पीएनबी घोटाला, यस बैंक, विजय माल्या स्कैम जैसे घोटालों ने देश को हिलाकर कर रख दिया. इन्हीं में से एक घोटाला डीएचएफएल स्कैम (DHFL Scam) है. 34000 करोड़ के इस बैंकिंग फ्रॉड में सीबीआई ने डीएचएफएल (DHFL) के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली में स्पेशल कोर्ट ने धीरज वाधवन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.देश के सबसे बड़े बैंक घोटाला मामले में सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर धीरज वधावन को गिरफ्तार किया.
देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला
DHFL कर्ज घोटाले के आरोपी धीरज वाधवन ने फ्रॉड के मामले में नीरज मोदी और विजय माल्या को भी पीछे छोड़ दिया. वाधवान भाईयों पर 34000 करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप लगा है. जबिक पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरज मोदी ने देश को 14000 करोड़ का चूना लगाया. वहीं किंगफिशर के मालिक और भगोड़े विजय माल्या ने एसबीआई समेत देश के कई बैंकों के साथ 9900 करोड़ का झटका दिया. इन सबको पीछे छोड़ते हुए कपिल और धीरज वाधवन ने 34000 करोड़ बैंक लोन फ्रॉड कर देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला कर दिया.
कौन है धीरज वाधवन
डीएचएफएल घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने धीरज वाधवन को गिरफ्तार किया. 17 बैंकों के कंसोर्टियम से 34000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने डीएचएफएल के खिलाफ मामला दर्ज किया था. धीरज वाधवान डीएचएफएल के प्रमोटर और डायरेक्टर थे. वो डीएचएफएच के टॉप मैनेंजमेंट टीम में शामिल थे. वहीं उनके भाई कपिल वाधवन कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर थे. दोनों भाईयों ने कुछ कारोबारियों के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाली 17 बैंकों की कंसोर्टियम को धोखा दिया.
DHFL ने कैसे किया देश का सबसे बड़ा घोटाला
इन्होंने DHFL के नाम पर इन बैंकों से 42871 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. वाधवन भाईयों ने कर्ज के हिस्से की बड़ी रकम को निकालकर उसकी हेराफेरी की. डीएचएफएल के बुक्स में फेरबदल की. वाधवन ब्रदर्स ने लोन में फर्जीवाड़ा करते हुए डीएचएफएल से 24595 करोड़ रुपये निकालकर 66 कंपनियों और अपने सहयोगियों में बांट दिए. इन्होंने फर्जी लोगों के नाम पर 14000 करोड़ के झूठे लोन बांट दिए. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक साल 2010 से 2018 के बीच डीएचएफएल ने 42871 करोड़ रुपए का लोन दिया था, जिसमें से 34,615 करोड़ रुपए बकाया है. साल 2019 में इस लोन को एनपीए और 2020 में फ्रॉड घोषित कर दिया गया. साल 2019 में फंड डायवर्जन के आरोपों को लेकर खबरें आई, जिसके बाद धीरज और कपिल वधावन के बुरे दिनों की शुरुआत हो गई. स्पेशल रिव्यू ऑडिट के बाद उनकी पोल खुल गई.
शेयर बाजार से डी लिस्ट हुई कंपनी
घोटाले के खुलाके के बाद से कंपनी के शेयर गिरने लगे. डीएचएफल के डिफॉल्ट होने की खबरों के बीच एक दिन में कंपनी के शेयर 60 फीसदी तक टूट गए. शेयर इतने गिरे कि जून 2021 में डीएचएफल के शेयर मार्केट से डी लिस्ट कर दिया गया.