Investment in Mutual Fund: प्राइवेट बैंकों की तुलना में पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों में सेव‍िंग अकाउंट और जमा राश‍ि में तेजी से ग‍िरावट आ रही है. ऐसा म्यूचुअल फंड में लोगों का रुझान बढ़ने के कारण हो रहा है. लोग म्यूचुअल फंड में तेजी से न‍िवेश कर रहे हैं. यह कहना है बैंक‍िंग सेक्रेटरी विवेक जोशी का. उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों का नेट प्रॉफ‍िट ब्याज मार्जिन भी दबाव में है. वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव जोशी ने कहा कि करेंट अकाउंट और सेव‍िंग अकाउंट (CASA) के नंबर पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों के ल‍िए चिंता का कारण है.


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सरकारी बैंकों में जमा वृद्धि दर 13% की


सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत के दौरान उन्‍होंने बताया क‍ि सरकारी बैंकों में जमा वृद्धि दर 13% है. एडवांस ग्रोथ रेट 16 परसेंट है. प‍िछले कुछ सालों से यही स्थिति रही है. आप देखें तो सरकारी बैंकों के CASA पर असर पड़ा है. इसलिए केवल पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे बैंकिंग स‍िस्‍टम के ल‍िए चिंता का व‍िषय है. जोशी ने कहा क‍ि इसके ल‍िए मुझे लगता है कि लोग अपनी सेव‍िंग को बैंकों से शायद म्यूचुअल फंड आद‍ि में ट्रांसफर कर रहे हैं. इसलिए, मुझे लगता है यह आने वाले समय में बैंकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.


सरकारी बैंकों के ल‍िए छूट की मांग
बैंकिंग सेक्रेटरी ने यह भी कहा क‍ि सरकार 75% न्यूनतम म‍िन‍िमम पब्‍ल‍िक होल्‍ड‍िंग (MPS) के तहत सरकारी बैंकों के ल‍िए छूट की मांग कर रही है. सार्वजनिक ऋणदाताओं को अगस्त 2025 तक छूट दी जाएगी. यदि आप सरकारी बैंकों को देखें, तो हमारे पास एक तरफ सरकार की करीब 56% हिस्सेदारी वाला एसबीआई है. दूसरी तरफ हमारे पास इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक या बैंक ऑफ इंडिया हैं ज‍िनमें सरकार का 95% या इससे ज्‍यादा शेयर है.


सरकार की 75% हिस्सेदारी बनी रहनी जरूरी
सरकार की तरफ से समय-समय पर बैंकों को इक्‍व‍िटी बेचने और मार्केट से पैसा जुटाने की अनुमति दी जाती है. सेबी के नियमानुसार उन्हें सरकार की 75% हिस्सेदारी बनाए रखनी होती है. इसके ल‍िए आर्थिक मामलों के विभाग से छूट ली जाती है. मौजूदा छूट अगस्त 2025 तक रहेगी. जोशी ने कहा कि फाइनेंश‍ियल इनक्‍लूसन, एनपीए र‍िकवरी और साइबर स‍िक्‍योर‍िटी पीएसबी के लिए सबसे बड़ा फोकस बने हुए हैं.


पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंक डीएफएस के लिए बहुत जरूरी हैं. सरकारी योजनाएं प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति योजना आदि. दो सबसे अहम योजनाओं को सरकार की तरफ से प‍िछले द‍िनों शुरू क‍िया गया. इनमें पहली पीएम स्वनिधि योजना है. इसमें हम पहले ही 76 लाख स्ट्रीट वेंडर को कवर कर चुके हैं. इसके अलावा कारीगरों के लिए पीएम व‍िश्‍वकर्मा योजना है.'