मुंबई: टूर ऑपरेटर कॉक्स एंड किंग्स (Cox and Kings) के फोरेंसिक ऑडिट के लिए बैंकों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. सूत्रों की मानें तो कंपनी सर्वर क्रैश होने की बात कहकर फोरेंसिक ऑडिटर से कोई डेटा साझा नहीं कर रही है. सूत्रों के मुताबिक ऑडिट फर्म EY को फोरेंसिक ऑडिट का काम अगस्त में दिया गया था और 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंपी जानी थी. लेकिन फोरेंसिक ऑडिटर को पर्याप्त जानकारी नहीं मिलने की वजह से फोरेंसिक ऑडिट का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. आपको बता दें कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों का कॉक्स एंड किंग्स पर करीब 3615 करोड़ रुपए का बकाया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उधर, बैंक भी फोरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट आए बिना आगे कोई और फैसला नहीं ले पा रहे हैं. EY को फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करने से पहले बैंकों ने कंपनी के खातों की जांच पड़ताल के लिए तीन ऑडिट फर्म्स की मदद ली थी. लेकिन डेटा नहीं मिल पाने की वजह से काम आगे नहीं बढ़ पाया. हालांकि EY के फोरेंसिक ऑडिट की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के बकायों की वसूली न हो पाने की वजह से हालत बिगड़े हैं. 



बैंकों और वित्तीय संस्थानों का कॉक्स एंड किंग्स पर करीब 3615 करोड़ रुपए का बकाया है. जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी 1400 करोड़ रुपए की यस बैंक की है. बैंकों ने कॉक्स एंड किंग्स के खाते को पहले ही NPA घोषित कर रखा है. 


जबकि, रत्तन इंडिया फाइनेंस की अर्ज़ी पर NCLT मुंबई ने कंपनी के खिलाफ इंसॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. गड़बड़ियों की शिकायत के बाद कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने कंपनी के खिलाफ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस SFIO से जांच की सिफारिश की है.