Health Insurance Plans: हेल्थ इंश्योरेंस कितना जरूरी है, ये कोरोना महामारी के बाद लोगों को समझ आ गया है. लोगों में इसे लेकर जागरूकता देखी जा रही है. अस्पताल में अगर कोई भर्ती हो जाए तो कितना बिल आएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता. कई खबरों में तो बिल लाखों-करोड़ों में देखे गए हैं. लेकिन अब भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया. यानी वे अब भी कंपनी के ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पर ही निर्भर हैं. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो कुछ बातें जान लेनी बहुत जरूरी हैं. 


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आप नौकरीपेशा हैं तो कंपनी से आपको ग्रुप हेल्थ कवर मिला होगा. लेकिन जैसे ही आप कंपनी छोड़ेंगे या रिटायर होंगे, आप उस हेल्थ कवर का हिस्सा नहीं रह जाएंगे. ऐसा भी वक्त आ सकता है, जब आपके पास नौकरी न हो, तब हेल्थ कवर होना बहुत जरूरी है. अब समझिए कि पर्सनल या इडिविजुअल हेल्थ कवर लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.  


1. तुरंत नहीं मिलेगा लाभ


जब आप इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं तो तुरंत आपको उसका फायदा नहीं मिलता. उसमें कुछ वक्त का लॉक इन पीरियड होता है. इसलिए पहले से आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेकर रखना चाहिए ताकि जब भी नौबत आए तो आप उसका इस्तेमाल कर सकें.


2. सही सूचना दें


हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सही दें. अगर आप स्मोकिंग या ड्रिंकिंग करते हैं तो वह भी बताएं ताकि आगे जाकर क्लेम में कोई दिक्कत ना आए. 


3. चुनें ऐड ऑन


जब आप हेल्थ इंश्योरेंस चुनते हैं तो कुछ ऐड ऑन राइट्स भी मिलते हैं. इनके लिए थोड़ा एक्स्ट्रा पैसे देने पड़ते हैं. इनका फायदा किसी गंभीर बीमारी के वक्त मिलता है. यह आपको एक लेयर एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन देता है. आईसीयू और रूम को लेकर भी कुछ पॉलिसी में नियम अलग हो सकते हैं. 


4. आयुर्वेदिक पद्धति को बनाएं हिस्सा 


कुछ लोग एलोपैथी से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाओं से ट्रीटमेंट कराना पसंद करते हैं. ऐसे में आप पॉलिसी में आयुष कवर ले सकते हैं. कुछ बीमा कंपनियों की पॉलिसी में यह पहले से कवर होता है. कुछ में सब-लिमिट रखी जाती है. लेकिन आप ऐसा प्लान लें, जिसमें आयुर्वेदिक इलाज के लिए ज्यादा सीमा दी जा रही हो. 


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