NPS के नियमों में बड़ा बदलाव, अब रिटायरमेंट पर मिलेंगे ज्यादा पैसे, क्योंकि 40% ज्यादा जमा करेगी सरकार
अगर किसी बैंकिंग कर्मचारी की मौत हो जाती है तो NPS के तहत उसके परिवार को फैमिली पेंशन के रूप में लास्ट सैलरी की 30 फीसदी मिलेगी.
मुंबई: बैंक कर्मचारियों के परिवारों को राहत देने के लिए, सरकार ने न्यू पेंशन सिस्टम यानी NPS कंट्रीब्यूशन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का ऐलान किया है. इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन के परिवार पेंशन को अंतिम आहरित वेतन के 30% तक बढ़ाने के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार के इस कदम से बैंक कर्मचारियों की पारिवारिक पेंशन 30,000 रुपये से 35,000 रुपये तक हो जाएगी. वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने मुंबई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संबोधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की.
NPS में 40% बढ़ेगा योगदान
वर्तमान में सरकारी बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों के पेंशन फंड (NPS) में बैंकों का योगदान 10% होता है. अब इसे 40% बढ़ाकर 14% कर दिया गया है, हालांकि एंप्लॉयी की तरफ से मिनिमम कंट्रीब्यूशन को 10% पर निश्चित रखा गया है. इसका कैलकुलेशन बेसिक पे और महंगाई भत्ता के आधार पर होता है. महंगाई भत्ता और बेसिक पे को जोड़कर इसकी गणना की जाती है. इस घोषणा के साथ ही सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के लिए NPS का नियम केंद्रीय कर्मचारियों की तरह हो गया है.
रिटायरमेंट फंड में मिलेगी ज्यादा रकम
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार की तरफ से योगदान बेसिक और महंगाई भत्ता का 14 फीसदी और एंप्लॉयी का मिनिमम योगदान 10 फीसदी रखा गया है. अब इसका फायदा बैंकिंग कर्मचारियों को भी मिलेगा. इस नियम के लागू हो जाने के कारण बैंकिंग कर्मचारियों का रिटायरमेंट फंड ज्यादा होगा.
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इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग कर्मचारियों की मौत के बाद फैमिली पेंशन को लेकर भी नियम में बदलाव किया है. अगर किसी बैंक कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को लास्ट सैलरी का 30 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगी. पहले ऐसे मामलों में फैमिली पेंशन 9284 रुपए होती थी.
बैंकों के प्रदर्शन पर जताया संतोष
इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले कुछ साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन पर संतोष जताया. उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि कई बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा से बाहर आये हैं. इस मामले पर वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंक अब लाभ में आये हैं. इससे उन पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और वे पूंजी जुटाने के मामले में आत्मनिर्भर हुए हैं. पिछले साल से बैंकों ने सामूहिक रूप से 69,000 करोड़ रुपये जुटाये. इसमें 10,000 करोड़ रुपये इक्विटी पूंजी शामिल है. वे 12,000 करोड़ रुपये और जुटाने की प्रक्रिया में हैं.
कंपनियों में न्यूनतम हिस्सेदारी
बीमा कंपनियों में हिस्सेदारी कम करने की योजना के बारे में सीतारमण ने कहा कि सरकार ऐसी कंपनियों में न्यूनतम हिस्सेदारी रखेगी. उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार उनकी चिंताओं को लेकर संवेदनशील है. यह पूछे जाने पर कि सरकार बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में बीमा बांड लाने पर विचार कर रही है, वित्त मंत्री ने कहा कि यह केवल एक सुझाव है, जो उद्योग की तरफ से आया है. राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी के मामले में प्रगति के बारे में पांडा ने कहा कि इसका पंजीकरण हो गया है और भारतीय बैंक संघ (IBA) लाइसेंस को लेकर आरबीआई के पास गया है. जल्द ही लाइसेंस मिलने की उम्मीद है.
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