Budget 2024: बस कुछ घंटों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं . आम चुनाव से पहले पेश होने वाले इस बजट पर सबकी निगाहें हैं. हालांकि कहा तो जा रहा है कि अंतरिम बजट है इसलिए लोकलुभावने ऐलान होने की संभावना कम ही है, लेकिन भूलिए मत की ये मोदी सरकार है. ट्रेंड बदलने और सरप्राइस देने में माहिर मोदी सरकार अक्सर अपने फैसलों से सबको दंग करती रही है. उनके फैसलों और कदमों को लेकर अनुमान लगाना मुश्किल होता है. फिर चाहे बात राजनीति की हो या आर्थिक नीतियों की.  


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बजट में किया सरप्राइज  


बजट की परंपराओं में भी मोदी सरकार ने ऐसे ही कई चौंकाने वाले सरप्राइज दिए. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बजट की 92 साल पुरानी परपंरा टूटी.  फरवरी के आखिरी से पेश होने वाले बजट को 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लाल ब्रीफकेस की जगह बहीखाते और टैबलेट ने ले लिया.  ऐसे में लोगों के मन में यही आशंका है कि ट्रेंड तोड़ने में माहिर सरकार कही इस अंतरिम बजट में चौंकाएंगी तो नहीं. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार बजट के जरिए ग्रोथ की पिच पर बैटिंग कर मोदी 3.0 का रास्ता तैयार कर सकती है. 


क्या 2019 की तरह मिलेगा सरप्राइज  


लोकसभा चुनाव से पहले बजट एक बड़ा मौका है. जानकार मानते हैं कि अंतरिम बजट में सत्ता में मौजूद पार्टी के लिए मुफ्त और लोकलुभावन योजनाओं के जरिये मतदाताओं को आकर्षित करने का एक बड़ा मौका है. ऐसा ही कुछ साल 2019 में आम चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में देखने को मिल चुका है. साल 2019 के अंतरिम बजट में सरकार ने मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए लुभावने ऐलान किए थे.  


बजट 2019 में खास  


बजट 2019 में वित्त मंत्री की भूमिका में पीयूष गोयल थे. उन्होंने मिडिल क्लास को फोकस करते हुए पांच लाख रुपए तक की इनकम को आयकर से छूट दी थी. वहीं किसानों को तोहफा देते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का ऐलान किया था. देश के 12 करोड़ किसानों को हर साल तीन किश्तों में 6000 रुपए नकद सहायता देने का ऐलान किया था. असंगठित क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मनधन योजना शुरू की थी. 50 करोड़ श्रमिकों को सेवानिवृत्ति पेंशन का प्रस्ताव दिया था. ये स्कीम सरकार के लिए बड़ा गेमचेंजर साबित हुआ.  


मौका भी और माहौल भी


आर्थिक मोर्चे पर सरकार तेजी से बढ़ रही है. सरकार का आयकर संग्रह बजट अनुमान से कहीं बेहतर रहेगा. जीएसटी कलेक्शन भी लक्ष्य के अनुसार है.  इनकम और कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में उछाल दिख रहा है.चालू वित्त वर्ष में आय और कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में बढ़त है. डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बजट अनुमान से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए अधिक रह सकता है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 18.23 लाख करोड़ रुपए रहने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 10 जनवरी, 2024 तक यह 14.70 लाख करोड़ रुपए हो चुका था. वहीं अभी वित्त वर्ष पूरा होने में 2 महीने बचे है, ऐसे में टैक्स के मोर्चे पर सरकार मजबूत है.  ऐसे में सरकार के पास योजनाओं और सब्सिडी पर खर्च के लिए पर्याप्त फंड है.