India Budget 2024: व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस बार 23 जुलाई 2024 को आम बजट पेश करेंगी. हर बार की तरह इस बार भी इनकम टैक्‍स स्लैब को (income tax slabs) को लेकर काफी चर्चा हो रही है. मीड‍िया र‍िपोर्ट में दावा क‍िया जा रहा है क‍ि सरकार इकोनॉमी में खपत को बढ़ाने के लिए टैक्स में कटौती पर विचार कर रही है. इससे पहले व‍ित्‍त मंत्री की तरफ से 1 फरवरी 2024 को पेश किए गए इस साल के अंतरिम बजट में टैक्‍सेशन को लेकर क‍िसी तरह का बदलाव नहीं क‍िया गया था.


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इनकम टैक्‍स स्लैब क्‍या है?


इनकम टैक्‍स स्लैब में बदलाव का मतलब है आमदनी के अलग-अलग लेवल पर लगने वाले अलग-अलग टैक्‍स की दरें प्रभावी होती हैं. देश में किसी व्यक्ति की कमाई बढ़ने के साथ ही उसे इनकम टैक्‍स देना पड़ता है. जैसे-जैसे क‍िसी शख्‍स की कमाई बढ़ती है उसका टैक्‍स भी उसी रेश्‍यो में बढ़ता रहता है. कमाई जितनी ज्यादा उस पर लगने वाला टैक्‍स का प्रतिशत भी उतना ही ज्यादा होता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस इनकम टैक्‍स स्लैब में आते हैं.


न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम (New Tax Regime) को साल 2020 में शुरू क‍िया गया था. अब 2023 से इसे ड‍िफॉल्‍ट माना जाता है. इसमें टैक्स स्‍लैब कम रहता है. लेकिन इसमें क‍िसी प्रकार की छूट और कटौती का फायदा नहीं मिलता है. ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम (Old Tax Regime) पहले से चली आ रही व्यवस्था है. इसमें टैक्स दरें थोड़ी ज्यादा हैं लेकिन कई तरह की छूट और कटौती का फायदा इसमें मिलता है. जिससे आपकी टैक्‍सेबल इनकम कम हो सकती है.


सैलरीड क्‍लास हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में यह चुन सकते हैं कि वे किस टैक्‍स र‍िजीम के तहत टैक्स भरना चाहते हैं, नई या पुरानी. लेकिन, बि‍जनेस करने वाले और प्रोफेशनल्स (जैसे डॉक्टर, वकील) के लिए यह स‍िलेक्‍शन लाइफ में केवल एक बार ही किया जा सकता है. वे एक बार इसका स‍िलेक्‍शन करने के बाद सालों तक अपनी र‍िजीम में बदलाव नहीं कर सकते.


न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम के तहत टैक्‍स स्‍लैब
> 3 लाख रुपये तक की आमदनी पर जीरो रुपये टैक्‍स
> 3-6 लाख : 3 लाख रुपये से ज्‍यादा की आमदनी पर 5%
> 6-9 लाख : 6 लाख से अधिक की आमदनी पर 10%
> 9-12 लाख: 9 लाख से ज्‍यादा की इनकम पर 15%
> 12-15 लाख: 12 लाख से अधिक की आमदनी पर 20% टैक्‍स
> 15 लाख रुपये से ऊपर की आमदनी पर 30% इनकम टैक्‍स


ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम में आमदनी के अनुसार अलग-अलग टैक्स स्लैब होते हैं. ये स्लैब उम्र के आधार पर अलग-अलग क‍िये जाते हैं. 60 साल से कम उम्र वाले व्यक्तियों के लिए स्लैब, 60 से 80 साल की आयु वाले व्यक्तियों के लिए स्लैब और तीसरा 80 साल से ज्‍यादा की उम्र वाले व्यक्तियों के लिए टैक्‍स स्लैब.


60 साल से कम उम्र के लोगों और एचयूएफ के लिए-
> 2.5 लाख रुपये तक जीरो इनकम टैक्‍स
> 2.5 लाख से 5 लाख रुपये पर 5%
> 5 लाख से 10 लाख रुपये तक 20%
> 10 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30%


60-80 साल की आयु के लोगों के लिए
> 3 लाख तक जीरो टैक्‍स
> 3 लाख से 5 लाख तक 5%
> 5 से 10 लाख तक 20%
> 10 लाख से ऊपर 30%