अंग्रेजों के सामने खुद को क्यों `महाराजा` बताते थे अनिल अग्रवाल? अरबपति बिजनेसमैन ने खुद किया खुलासा
Anil Agarwal Success Story: अरबपति बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल ने बताया है कि जब वह ब्रिटेन में रहते थे तो अंग्रेजों को इंप्रेस करने के लिए खुद को भारत का एक राजा बतते थे.
Anil Agarwal Business: खनन कंपनी वेदांता के फाउंडर और देश के अरबपति बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल ने भारत के उद्यमियों की 'जोश' और 'जोखिम उठाने' की क्षमता की जमकर सराहना की है. एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा है कि विदेश में 30 साल रहने का उनका अनुभव ने उन्हें सिखाया कि भारतीय बिजनेसमैन की कोई जोड़ नहीं है.
उन्होंने अपनी कंपनी वेदांता लिमिटेड को खड़ा करने के अपने अनुभव के बारे बताते हुए कहा कि एक बार उन्होंने अपने व्यापारिक संपर्कों को प्रभावित करने के लिए खुद को भारतीय राजा के रूप में पेश किया था. उन्होंने कहा कि वो खुद को 'महाराजा अनिल कुमार' बताकर ब्रिटिश लोगों को प्रभावित करते थे.
कबाड़ के व्यापारी से अरबपति कारोबारी तक
बिहार में जन्मे अनिल अग्रवाल ने 1970 के दशक में अपने करियर की शुरुआत कबाड़ के व्यापारी के रूप में की थी. साल 2003 में उनकी कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई थी. बिजनेस मैग्जीन फोर्ब्स के अनुसार, आज उनकी अनुमानित संपत्ति लगभग 2 बिलियन डॉलर है.
जो क्षमता भारत में वो कहीं नहींः अनिल अग्रवाल
भारत के इंटरप्रेन्योर के बारे में बात करते हुए अनिल अग्रवाल ने कहा कि भारतीय इंटरप्रेन्योर ऊर्जा से भरे हुए हैं. मैंने 30 साल विदेश में बिताए हैं, लेकिन जो ऊर्जा और जोखिम उठाने की क्षमता मैं भारत में देखता हूं, वह दुनिया में कहीं और नहीं है.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत का पैसों के प्रति दृष्टिकोण पश्चिम से अलग है. विदेशों में पैसा कमाना उत्सव मनाया जाता है लेकिन भारत में पैसा कमाना पाप और दंडनीय माना जाता है.