नई द‍िल्‍ली : Budget 2022 : वित्तीय वर्ष 2022 के लिए सरकार की तरफ से पेश क‍िए गए इकोनॉमिक सर्वे पर कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की तरफ से बयान जारी क‍िया गया है. कैट की तरफ से कहा गया क‍ि आर्थिक सर्वेक्षण सभी क्षेत्रों में प्रगतिशील आंकड़ा दिखाता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल भविष्य की उम्‍मीद है.


बजट की तरफ उत्‍सुकता से देख रहे व्‍यापारी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कैट की तरफ से मंगलवार (1 फरवरी) को पेश होने वाले आम बजट में छोटे व्‍यापार‍ियों को मजबूत करने के मकसद से घोषणा करने की उम्‍मीद जताई गई. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने संयुक्त बयान में कहा की देशभर के व्यापारी बेहद उत्सुकता से बजट की तरफ देख रहे हैं.


ये भी पढ़ें : व‍ित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने 5 बड़ी चुनौतियां, कैसे तालमेल बिठाएगी सरकार?


टीकाकरण से लोगों का डर दूर हुआ


अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के सुचारू प्रवाह में कोविड से रुकावट होने के बावजूद आर्थिक सर्वेक्षण को व्यापक रूप से देखना होगा. केंद्र सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. व्यापक टीकाकरण ने कोविड-19 के कारण आत्मविश्वास बढ़ाने और भय को दूर करने में मदद की.


पूंजीगत व्यय को बढ़ाने में मदद की


केंद्र सरकार ने समय-समय पर किए गए आपूर्ति पक्ष सुधारों के कारण अर्थव्यवस्था को फिर से हासिल करने में सफलतापूर्वक मदद की है. राजकोषीय स्थान की उपलब्धता ने सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय को बढ़ाने में मदद की है. चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी खपत लगभग 16.5% बढ़ रही है. इससे अर्थव्यवस्था में धन लगाने में मदद मिली है.


ये भी पढ़ें : मोदी राज में टूटी बजट से जुड़ी ये 5 परंपराएं, कुछ तो अंग्रेजों के जमाने से चल रही थीं


कोविड से कृषि क्षेत्र प्रभाव‍ित नहीं


आने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद का 8.85 प्रतिशत अनुमान 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने में मदद करेगा. कैट के मुताबिक अच्‍छी बात यह है क‍ि कोविड कृषि क्षेत्र को प्रभावित नहीं कर सका, जिसके 3.9% बढ़ने की उम्मीद है.


औद्योगिक क्षेत्र में 11.8% की दो अंकों की वृद्धि से पता चलता है कि नीतियां अच्छे परिणाम दे रही हैं. चिंता का एकमात्र कारण आयात में 29.4% की वृद्धि है. भुगतान संतुलन की स्थिति बनाए रखने के लिए इसे नीचे लाया जाना चाहिए जिससे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार  में रुपया मजबूत होना चाहिए.


बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें