नई दिल्ली: पीएनबी महाघोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है. सीबीआई ने बैंक के जनरल मैनेजर राजेश जिंदल को मुंबई से गिरफ्तार किया है. जिंदल पर आरोप है कि उनके समय से ही नीरव मोदी की कंपनी को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी हुए थे. राजेश जिंदल 2009 से 2011 के बीच ब्रैडी हाउस ब्रांच के हेड थे. सीबीआई लगातार घोटाले के आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. साथ ही कंपनी से जुड़े हर आदमी से पूछताछ की जा रही है.


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सबसे बड़ी गिरफ्तारी
सीबीआई ने मंगलवार को देर रात राजेश जिंदल को गिरफ्तार किया. वह अगस्त 2009 से मई 2011 के बीच मुंबई ब्रांच के हेड थे. गौरतलब है कि इससे पहले घोटाले के मामले में पीएनबी के तीन और अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं. मंगलवार रात को हुई राजेश जिंदल की गिरफ्तारी भले की बैंक कर्मचारियों में सबसे बड़ी हो, लेकिन इससे पहले भी कई अधिकारी CBI की गिरफ्त में आ चुके हैं. 


बिना गारंटी कर्ज देने का आरोप
राजेश जिंदल पर बिना गारंटी कर्ज देने का आरोप है. जांच एजेंसियों को पीएनबी पर शक गहरा गया है कि बिना गारंटी इतनी बड़ी रकम कैसे दी गई. इसस पहले भी बैंक के अन्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. कुछ दिन पहले ही सीबीई ने गोकुलनाथ शेट्टी को गिरफ्तार किया था, जो बैंक के रिटयर्ड डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी को गिरफ्तार किया था.



पीएनबी के तीन अधिकारी गिरफ्तार
सीबीआई ने सोमवार को पीएनबी के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. इससे पहले पीएनबी के एकल खिड़की ऑपरेटर मनोज खरात और सेवानिवृत्त कर्मचारी गोकुलनाथ शेट्टी को गिरफ्तार किया था. सोमवार शाम को विदेशी मुद्रा विभाग के मुख्य प्रबंधक बेचू तिवारी, स्केल-2 के प्रबंधक यशवंत जोशी और स्केल-1 के संचालन अधिकारी प्रभुल्ल सावंत गिरफ्तार हुए थे.


विपुल अंबानी भी गिरफ्तार
सीबीआई ने मंगलवार को मुकेश अंबानी के चचेरे भाई विपुल अंबानी को गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियों पिछले कई दिनों से विपुल से पूछताछ कर रही थीं. विपुल अंबानी, फायरस्टार इंटरनेशनल यानी नीरव मोदी की कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) हैं और कंपनी के वित्तीय लेनदेन की पूरी जानकारी रखते हैं.  



विपुल समेत 5 गिरफ्तार
सीबीआई ने विपुल के अलावा नीरव मोदी की तीन कंपनियों में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कविता मानकीकर, फायरस्टार ग्रुप के सीनियर एक्जीक्यूटिव अर्जुन पाटिल, नक्षत्र ग्रुप के सीएफओ कपिल खांडेलवाल, तथा गीतांजलि ग्रुप के प्रबंधक नितेन शाही को भी गिरफ्तार किया है.


वित्त मंत्री ने तोड़ी चुप्पी
पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ रुपए के घाटोले के मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है. मंगलवार को उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के साथ धोखाधड़ी करने वाले धोखेबाजों को सरकार पकड़कर रहेगी. साथ ही उन्होंने बैंकों के प्रबंधन तंत्र को भी इस बात के लिए कठघरे में खड़ा किया. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और धोखाधड़ी के कथित साजिशकर्ता नीरव मोदी का नाम लिए बगैर जेटली ने देश में कारोबारियों के खिलाफ नैतिकता का सवाल उठाया. उन्होंने यह भी सवाल किया क्यों बैंक के आंतरिक और बाहरी ऑडीटर इस धोखाधड़ी को पकड़ने में विफल रहे जो सात साल से चल रहा था.